Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi

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Page 2
________________ श्री ज्ञान-गुण पुष्पमाला पुष्प नम्बर ३५ श्रीमद् रत्नप्रभसूरीश्वर पादकमलेभ्यो नमः श्री भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास पूर्वार्द्ध [दूसरी जिल्द ] लेखक शीघ्रबोधादि तात्विक, ककाबतीसी अध्यात्म, पंचप्रतिक्रमणादि विधि विधान, व्याख्या विलासादि उपदेशीक, समाज सुधार विषय कागद हुन्डी पैठ परपैठ और मेझरनामा, स्तवनादि भक्ति विषय, प्रतिमा छत्तीसी दान छत्तीसी दयाबहुतरी, चर्चा, ऐतिहासिक विषय मूर्तिपूजाका प्राचीन इतिहास, लौकाशाह, जैनजाति महोदय या समसिंहादि विविध विषय २३५ ग्रन्थों के लेखक व सम्पादक इतिहास प्रेमी मुनिश्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज प्रकाशक श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला मु० फलौदी ( मारवार) ओसवाल संवत् २४०० - वीर सं० २४६६ [वि० सं० २०००] ई० स० १६४३ सम्पूर्ण ग्रंथ का मूल्य प्रथमावृति [ ] ५०० ३१) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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