Book Title: Bhagavana Mahavira ke Panch Siddhant
Author(s): Gyanmuni
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 199
________________ (१८१) दूर करने के लिए या रक्त को सभी अवयवो मे सचारित करने के लिए जिन तैल आदि द्रव्यो का शरीर पर मर्दन किया जाता है, उन की मर्यादा करना । ५ उद्वर्तनविधिप्रमाण - शरीर पर लगे हुए तैल की चिकनाहट को दूर करने के लिए तथा शरीर मे स्फूर्ति, शक्ति लाने के लिए जो उबटन लगाया जाता है, उस की मर्यादा करना । ६ मञ्जनविधिप्रमाण - स्नान के लिए जल तथा स्नान की सख्या का परिमाण करना । 2 ७. वस्त्रविधिप्रमाण- पहनने ओढने आदि के लिए वस्त्रो की मर्यादा करना । ५ विलेपनविधिप्रमाण - चन्दन, केसर आदि सुगन्धित तथा शोभोत्पादक पदार्थों की मर्यादा करना । ९ पुष्पविधिप्रमाण - फूल तथा फूलमाला आदि का परिमाण करना । मै अमुक वृक्ष के इतने फूलो के सिवाय दूसरे फूलो को तथा वे भी अधिक मात्रा में प्रयुक्त नही करूंगा, ऐसा विकल्पपूर्वक पुष्पसम्बन्धी परिमाण निश्चित करना । १० आभरणविधिप्रमाण- शरीर पर धारण किए जाने वाले आभूषणो की मर्यादा करना कि इतने मूल्य या भार के अमुक आभूषण के सिवाय शेप आभूषण शरीर पर धारण, नही करूंगा । ११ धूपविधिप्रमाण - वस्त्र और शरीर को सुगन्धित करने के लिए या वायु-शुद्धि के लिए धूप देने योग्य धूप आदि पदार्थों की मर्यादा करना । १२ पेयविधिप्रमाण - जो पीया जाता है, उसे पेय कहते

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