Book Title: Bambai Chintamani Parshwanathadi Stavan Pad Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Chintamani Parshwanath Mandir

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Page 173
________________ ( १५८ ) बम्बई चिन्तामणिपार्श्वनाथादि स्तवन-संग्रह ओपे भल थान अहिंमदाबाद, भला भीद मांल महा सु प्रसाद । पाखु अमरासर कीरत आज, तौरने तेम गुरू सिरताज ॥५॥ सांचोर सेव कहै दिल शुद्ध, दिल्ली पुर माँभू बधी बहु वृद्ध । श्रासा भल पूरै आगरे मांभू, वदु मिरजापुर तेम बखांण ॥५६॥ काशी सुखराशि पुरंतो प्रेम, विहार विसाला नमैं नित नेम। राजै गुरू रंगपुरे भल रीत, पाटलीपुर माभू बाधी बहु प्रीत ॥५७॥ बालोघरे अजीमगंज बखाण, कहु कि कीरत जाण । ढाकै हुगलीपुर पूरे प्रेम, दीप गुरू देरै साचौ तेम ॥५८॥ सुरंगे पाटण साचौ साम, वहाणपुरै पिण बखाण । आराध्याँ आवै श्री गुरूराज, कृपानिध कोड़ सुधार काज ॥५६॥ आबू (टिप्पणी दो) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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