Book Title: Avashyak Sutram Part 02
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 12
________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-२ // 2 // आवश्यकनिर्युक्तेर्विषयानुक्रमः 574 क्रमः विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः / क्रमः विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः द्विर्गुह्यकनिमन्त्रणा वाचकत्वे देवमहः 0.3.7.4 आत्मा सामायिकम् / - 790 573 रुक्मिणीप्रतिबोधनं-आकाशगामिनी, 0.3.7.5 व्रतविषयः सर्वजीवादिः।१४९ 791 तद्विषयः, परानर्पणं 0.3.7.6 द्रव्यार्थिकपर्यायार्थिकयोमाहेश्वरीगमनम्। - 765-772 510-519 द्रव्यगुणसामायिकत्वे पृथक्त्वकृतआर्यरक्षिताः, वादः / - 792-795 575-577 मात्राद्याचार्यादि सम्यक्त्वश्रुत (3) चारित्राणि (आर्यरक्षितचरित्रम्)। - 773-776 519-520 (२)सामायिकम्। 150 796 577-578 1 महाकल्पच्छेदाः सामायिकस्वरूपं-बहुशो कालिके। 124 777 542 / देशसामायिकम्। - 797-803 578-580 0.3.7 निह्नववक्तव्यता। - 778-879 546-657 | क्षेत्रदिक्कालगतिभव्यसंयुनिह्नवमतानि, तदादि च्छासदृष्ट्याहारपर्याप्तसुप्तजन्मस्थितिपुरुषग्रामकालाः / 125-148778-783 546-570 वेदसञ्जाकषायायुर्ज्ञानयोगोपयोगशरीरनिह्नवदृष्ट्युपसंहारः, संस्थानसंहननमानलेश्यापरिणामवेदनाप्रत्येकदोषास्तत्फलं च, समुद्धातकर्मतन्निर्वेष्टनोद्वेष्टनाश्रवालङ्कारतन्निमित्तान्नादिग्रहणभजना, शयनासनस्थानचङ्गमणैः न बोटिके। - 784-788 570-572 सामायिकविचारः। - 804-806 580-581 नैगमसंग्रहव्यवहारास्त्रिविधं | 0.3.7.10 सम्यक्त्वश्रुतयोस्त्रिषु, विरतिनरे शब्दाद्याः संयम मन्वते। - 789 572 मिश्रं तिर्यक्ष्वपि, प्रतिपन्नास्त्रयाणां त्रिषु, // 2 //

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