Book Title: Avashyak Sutram Part 02
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 15
________________ 0.5.6 श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-२ // 5 // आवश्यकनियुक्तर्विषयानुक्रमः 0.5.8 विषय: भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः / क्रमः विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः कर्मशिल्पादिभिः (11) 0.5.10 तप:सिद्धे दृढप्रहारी। - 952 770 सिद्धनिक्षेपाः, कर्मशिल्पयोर्भेदः, 0.5.11 सिद्धस्य निरुक्तिः, समुद्धातः, सागिरिसिद्धः, कोकासो शैलेशी, अलाबुकादिवद्गतिः, वर्द्धकिश्च दृष्टान्तौ। - 927-930 717-719 अलोके स्खलनेत्यादि / - 953-959 772-778 विद्यामन्त्रयोर्विशेष:, | 0.5.12 सिद्धशिलावर्णनं-सिद्धावगाहनाआर्यखपुटस्तम्भाकर्षक देशप्रदेशस्पशृलक्षणसुख दृष्टान्ती / . 931-933 722-724 .29. (म्लेच्छदृष्टान्तः) एकार्थिक (8) योगे आर्यसमितः, आगमे नमस्कारफलानि / - 960-992 779-788 गौतमः, अर्थे मम्मणः, 0.5.13 आचार्यनिक्षेपाः (4) / - 993-999 789-791 यात्रायां त्रुटितः। - 934-936 725-728 | 0.5.14 उपाध्यायनिक्षेपाः (4) बुद्धिसिद्धलक्षणम्, औत्पत्ति अक्षरार्थादि। - 1000-07791-793 क्यादिभेदाः, लक्षणानि 0.5.15 साधोर्निक्षेपाः, दृष्टान्ताश्च, भरतशिलापण्य स्वरूपादि 152-174 1008-17 794-814 वृक्षाद्याः (16) भरतशिला पञ्चविधत्वे क्रमे च मेषाद्याः (26) निमित्तार्थ शङ्कासमाधानम् - 1018-21 815-817 शास्त्राद्याः (14) सुवर्ण 0.5.17 प्रयोजनफले, कर्मक्षयादि, कारकर्षकाद्याः (12) अभयाद्याः अर्थकामादि (८)(त्रिदण्ड्यादि(२२) दृष्टान्ताः / - 937-951 729-753 दृष्टान्ता: 5) - 1022-24818-820 // 5 //

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