Book Title: Avashyak Sutram Part 02
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text
________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारिक वृत्तियुतम् भाग-२ // 3 // आवश्यक निर्युक्तेर्विषयानुक्रमः क्रमः विषयः भाष्यः नियुक्तिः पृष्ठः / क्रम: विषय: भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः चरणस्य द्वयोः, भजनोद्धुलोके / -807-808 581 निश्रावयन् चत्वारि। - 812-829 586-597 0.3.7.11 दिग्निक्षेपा, (18) दिक्षु 0.3.7.13 सम्यक्त्वादिविषयः। - 830 598 प्रतिपद्यमानः, प्रतिपन्नो 0.3.7.14 मानुष्यार्यक्षेत्रादिदुर्लभत्वे ऽन्यतरस्याम्। - 809-811 582-585 चोल्लकादिदृष्टान्ताः, युगदृष्टान्तो .7.12 सम्यक्त्वश्रुते चतसृषु व्रतं नरे मिश्रं गाथाभिः। - 831-835 598-606 तिर्यक्षु भव्यश्चत्वारि संजयुच्यासको च, 0.3.7.15 धर्मकरणे उपदेशः, आलस्याद्या: दृष्टौ नयौ, आहारकः पर्याप्तकश्च, (13) श्रुतिविघ्नाः, ज्ञानावरणादिवद्, सम्यक्त्वश्रुतेऽनाहारकाः पर्याप्तकावपि व्रतक्षान्त्यादि, दृष्टादौ कर्मक्षये प्रतिपन्नी, जागरोऽन्यतरत्, अण्डपोतजयोस्त्रिक शुभयोगे च बोधिः। - 836-844 6 जरायौ चतुष्कं-मध्यमस्थितौ उभयं-आयुष 0.3.7.16 अनुकम्पाऽकामनिर्जराद्यैवैद्यउत्कृष्टायामपि, वेदत्रयसञ्जाचतुष्कयो: मिण्ठादीनां (11) सम्यक्त्वलाभ: प्रतिपत्तिः, अप्रथमे, कषाये सङ्ग्यायुश्चत्वारीतरः (वैद्यवानरदेव:) अभ्युत्थानसम्यक्त्वश्रुते, चतुर्ज्ञानी त्रियोगी उपयोगद्विक विनयाद्यैश्च / - 845-848 610-6 औदारिकं चत्वारि वैक्रियं द्वे, सर्वसंस्थान 0.3.7.17 सम्यक्त्वस्थितिः, प्रतिपत्तृप्रतिसंहननमध्यममाने चत्वारि, षट्ष लेश्यास द्वे पन्नप्रतिपतितानामल्पबहत्वं तत्सङ्गया, तिसृषु चारित्रं-पूर्वप्रतिपन्नोऽन्यतरस्यां अन्तरमविरहविरहौ भवाकर्षों / वर्द्धमानावस्थिते द्विविधवेदना क्षेत्रस्पर्शना तत्स्पर्शना / - 849-860 633-638 ऽसमवहतः, निर्वेष्टयन्नुद्वृत्तः 0.3.7.18 सम्यक्त्व श्रुतः(७)देश(६) सर्व 07-609

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 404