Book Title: Avashyak Sutram Part 01
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ श्रीआवश्यक नियुक्ति भाष्यश्रीहारि० आवश्यकनिर्युक्तेर्विषयानुक्रमः वृत्तियुतम् क्रमः भाग-१ // 1 // // श्रीआवश्यकनिर्युक्तेर्विषयानुक्रमः // ॥प्रथमो विभागः॥ सूत्राणि-०, भाष्यः-१२३, नियुक्तिगाथा:-७२३ विषयः भाष्य: नियुक्ति: पृष्ठः / क्रमः विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः नतवीरश्रुतदेवतागुरुसाधुर्विवृतिं केवलमिश्रवासितप्रतिजानीते। (1) संक्षेप शब्दश्रवणम् / रुच्यनुग्रहाय कृतिः (2) - | 0.1.7 भाषाद्रव्यग्रहणनिसर्गी। - // ज्ञानपञ्चकरूपा नन्दी / / - 1-79 13-90 | 0.1.8 त्रिविधशरीरे भाषा, (प्रयोजनादिचर्चा, चतुर्विधा सा। __ . 8-9 28-29 मङ्गलत्वसिद्धिः, नामादि 0.1.9 भाषायाः लक्षणानि, ज्ञानज्ञेययोरैक्यं) लोकपूर्तिसमयाः। - 10-11 30 ज्ञानपञ्चकोद्देश: 0.1.10 मत्येकार्थिकानि (9) / - 123 (मतिश्रुतयोर्विशेषः)। - 0.1.11 सत्पदप्ररूपणादीनि (9) अवग्रहहापायधारणाः। - गत्यादीषु (२०)(ज्ञानेव्यवहारनिश्चयो) अवग्रहादेः स्वरूपम्। - मतिज्ञानस्योपसंहारः, अवग्रहादेः कालमानम् / - श्रुतस्य प्रतिज्ञा। " - 13-16 33-41 इन्द्रियाणां प्राप्ताप्राप्तविषयता (नयन 0.1.12 यावदक्षरसंयोगं मनसोरप्राप्यकारिता)। - 5 श्रुतप्रकृतिरिति। 0.1.1 0.1.2 0.1.3 0.1.4 0000 5

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