Book Title: Avashyak Sutram Part 01
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-१ // 5 // आवश्यकनिर्युक्तेर्विषयानुक्रमः क्रमः विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः क्रम: विषयः भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः 0.2.22 केवलिनः सर्वदर्शिता। - 127 152 (26 उपोद्घातनियुक्तिद्वाराणि)।-१४०-१४१ 184 0.2.23 प्रवचनोत्पत्तिः, तदेकार्थिकत | 0.3.1.2 उद्देशनिर्देशनिक्षेपाः (8) द्विभागौ, द्वारनयव्याख्यानविध्यनु तद्विशेषश्च / - 142-143187-188 योगा द्वाराणि (7) / 128153 0.3.1.3 निर्देश्यनिर्देशकाभ्यां निर्देशे 0.2.24 प्रवचन (5) सूत्रा(५)नुयोगै नयविचारः। - 144 188 (5) कार्थिकानि / - 129-131 153 निर्गमनिक्षेपाः (6) - 145 190 0.2.25 अनुयोगनिक्षेपाः / - 132 155 | 0.3.2 // वीरजिनादिवक्तव्यता / / - 146-538191-398 वत्सकगवाद्या दृष्टान्ता (5) भावे अटवीभ्रष्टसाधुमार्गदर्शने श्रावकभार्याद्याः (7) / - 133-134157-162 सम्यक्त्वम्। - 146 191 भाषकविभाषकव्यक्तिकरेषु 0.3.2.2 साध्वनुकम्पया सम्यक्त्वं-, काष्ठाधुपमाः (6) / - 135 170 देवत्वं-, भरते मरीचिः / 1-2 147-148 193 व्याख्यानविधौ गोचन्दनकन्थाद्याः 0.3.2.3 कुलकरवंशेक्ष्वाकुकुलासप्रतिपक्षा:(७)दृष्टान्ताः / - 136 171 धिकाराः। __-. 149 193 शिष्यदोषगुणाः। - 137 177 पल्योपमाष्टभागे दक्षिणमध्यभरते शिष्यपरीक्षायां कुलकरा: (7) / - 150-151 शैलघनकुटादयः (14) / - 138-139 177 पूर्वभवजन्मनामप्रमाणादीनि (12) // उपोद्धातनियुक्तिः // - 140-723184-657 द्वाराणि। - 152 194 // उद्देश्यनिर्देशादीनि / / - 140-145184-190 0.3.2.6 अपरविदेहेषु वयस्यौ, भरते हस्ती .0 Wa 0

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