Book Title: Atmaprabodh
Author(s): Jinlabhsuri, Buddhisagar,
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
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1900C
शुद्धिपत्रक
श्रीआत्म
॥८
॥
धर्मः
प्रबोधः
.
.
.
प्र
5
१२०
पितु
विशुद्ध
१२.
१३५
१२८
वीर्य
पृष्ठम् पंक्तिः अशुवम् शुद्धम् | पृष्ठम् पंकिः अशुद्धम् शुद्धम् १२० . ममु
१२५ ३ नाम(जनाना)नु० नामनु० १२. १२ तस्माद तस्मादनु। १२७ ३ तारर्थतार्थ २ शतैरपि। शतैरपि । अवश्यमेव ૧૨૭ जना जनानि भोक्तव्यं, कृतं कर्म|
कारणे करणे शुभाशुभम् ॥१॥ ૧૨૭ त्थेवा त्येवा १२१ १३ नोप
१२० विमय विसय १ दुःखादी दुःखादि
१३
पितृ विशुद्धि
१३ त्यस्या त्यक्त्वा
स्कार वीयः
स्कार १२८९
सचित्ता १२३ १२ युक्त
१२८ ९ (का | १२४ १२
(एका १२८ क्लिष्ठा
बारसा ऽक्लिष्टा | १२५ १२
बारस १२९ १२
सावि | १२५ १३ लपट
लंपट
१२९ १. ताऽहंसा ताऽहिंसा युक्त १२९ १२
निरवि चानिष्ठ चारनिष्ठ
૧૫૧
भवात् भावात् १२६ रक्षण भि रक्षणाभि
१३२ ११ मामर्थ्य सामर्थ्य १२६६ दृष्टी: दृष्टिः
१३३७ मप मल्प १२६ ३ मति
। १३ १४ वते व्रत
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पृष्ठम् पंक्तिः अशुद्धम् शुदम १३४ १ भा को भावो १३४ 3 द्विट (3) र्दिषः १३४ ४ (फर्क) धर्मः १३४७ मा
मा १३४ १. नत्यं नित्य
विरतरं निरंतरं १३५ १ म्मदं मंड
गु-हिर गुहिर य-शो दप दप्य
वचन वचनं १३५ वो तुं ૧૩૬ ૧૨ विखणा क्खिण्णा १३५ १३ मत्तम सत्तम
अहं पक्ष्यामि पश्यामि
व्यावृत्य ग्यावृश्य १३०४
मुखों
प्राक्षेऽति प्राप्लेऽपि | १३0
किंमेकिंमे
यशो
सचिता
11
बोतुं
सवि
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युक्तं
निरवि
१२६
मती
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