Book Title: Atmanand Prakash Pustak 012 Ank 08
Author(s): Jain Atmanand Sabha Bhavnagar
Publisher: Jain Atmanand Sabha Bhavnagar

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૨૨૪ આત્માનંદ પ્રકાશ माप्त होनेपर प्रेन्सिपन्न ट्रेनिंगकालेजके रविशंकर नाइने उपस्थित हो कर सनापति महोदय श्री शान्तमूर्ति श्रीमान् श्री मुनि हंसविजयजी महाराजको और व्याख्यानदाता श्रीमान् मुनि लब्धिविजयजी महाराजको हार्दिक धन्यवाद देते हुए. दोनोंकी व्याख्यानोंकी प्रशंसा बहुत ही अच्छे शब्दोमें की थी यध्यपि उक्त महाशय ब्राह्मण थे, परन्तु निरपक्षताको स्वीकार कीया था. बाद आपके मास्टर मिश्रीमलजीने आए हुए सनासदोंका धन्यवाद मनाते एहू. यह फरमाया कि श्रीमान् मुनि श्री हंसविजयजी महाराजके यहांपर पधारनेसे आज पर्यंत जो धर्मोन्नतिके कार्य हुए हैं उन सबको अलग अलग नामोसे आपलोगोंको सुनाउ और उन नामोंके गुणोंका संपूर्ण ब्यान करूं तो एक किताब बन जाय इसलिये सिरफ सूचना मात्रसे ही आपको याद दिलाता हूं और याद दिलानेका मतलब यह है कि अब महाराजजी साहिबको विहारका समय बहुतह। निकट आ गया है। इसलिये हमको उचित है कि हम सब यथाशक्ति नियम पच्चरकाण करें जिससे हम लोगोंको महाराजजी साहिबका प्रतिक्कण ध्यान रहे और हम लोग चाहे सहस्त्र जिल्हाधारा आपके नपकारका वर्णन करें तो जी नहीं कर सक्ते और हम श्री संघ मुनि लब्धिविजयजी महाराजको धन्यवाद देते हैं जिन्होंके नाषणधारा आपकी कृपासे यह सौजाग्य प्राप्त हुआ समय अधिक न होनेके कारण सना विसर्जन कि जाती है. बाद आपका रतलामसे विहार प्रतापगढकी तरफ हुआ प्रथम मुकाम श्रापका १ माश्लपर रहा, विहारके समय कुल श्री संघ आपके साथ चल रहाथा, उस समय यह शब्द मुक्त कंठसे निकल रहेथे की हमने आजतक ऐसा विहारका मोका नहीं देखा बाद १ माश्लपर जिनमें पहुंचे उस वखत श्रीमान् पन्यास श्री संपतविजयजी महाराजने श्री गुरु महाराजकी आज्ञानुसार साथ आए हुए सैंकमो पुरुषोंको धर्मोपदेश सुनाया, बाद प्रतःकाल वि. हार करते समय जिनके अध्यक्व ब्राह्मण नाइने महाराजजी साहिबसे नियम प्रत्याख्यान किये बाद यहांसे आपका धामणोंदमें पधारना हुआ यहां थोमा ही समय हुआ है कि एक प्राचिन प्रतिमा निकली है, जोकि दर्शनके योग्य मनोहर विम्ब है यहांपर आपके दर्शनार्थे रतनामसे श्री संघ आया हुआथा, उस समय एक नाविक महानुनावकी तरफसे खूब राग रागणीयोंसे पूजा प. For Private And Personal Use Only

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