Book Title: Atmabodh Author(s): Dada Bhagwan Publisher: Dada Bhagwan Foundation View full book textPage 1
________________ आत्मबोध दादा भगवान प्ररूपित आत्म बोध कमल और पानी में कोई झगड़ा नहीं है, ऐसा संसार और ज्ञान में कोई झगड़ा नहीं। दोनों अलग ही हैं। मात्र रोंग बिलीफ है। ज्ञानी पुरुष' सब रोंग बिलीफ को फ्रेक्चर कर देते हैं और संसार सब अलग हो जाता है। अभी आप'ज्ञानी' से विमुख हैं। जब'ज्ञानी' के सन्मुख हो जायेंगे, तब संसार छूट जायेगा। - दादाश्रीPage Navigation
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