Book Title: Ashtsahastri Part 1
Author(s): Vidyanandacharya, Gyanmati Mataji
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 2
________________ वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला का पुष्प नं. १ श्रीमद्भगवविद्यानंदाचार्य विरचित अष्टसहस्त्री [ प्रथम भाग 1 [ प्रथम परिच्छेद अपूर्ण-कारिका १ से ६ तक ] स्याद्वाचिंतामणि-भाषा टीका सहित ____टीकाकर्ती चारित्रचक्रवर्ती १०८ आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के प्रथम पट्टाधीश आचार्य श्री वीरसागर जी महाराज की शिष्या, जम्बूद्वीप रचना की पावन प्रेरिका, सिद्धान्तवारिधि, विधान वाचस्पति, न्यायप्रभाकर गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी सर्व जिनालय त्यनमो उपाधि PAR ISTITUTE OY OGJAINING OGRAPHIC REC C.RESEARCH दिगम्बर जन सिस्थान.10 TA Xh लोकशा प्रकाशक : दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर (मेरठ) उ० प्र० द्वितीय संस्करण ११०० प्रति मूल्य फाल्गुन शुक्ला २ वीर० नि० सं० २५१५ ६ मार्च १८८६ ६४.०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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