Book Title: Ashtangat Rudaya
Author(s): Vagbhatta
Publisher: Khemraj Krishnadas

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Page 2
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुन ५०१५ ब ३२ mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm ॥ श्रीः॥ अष्टाङ्गहृदया (वाग्भट) विद्वद्वरिष्ठवाग्भटविरचित. जिसमें सूत्रस्थान, शारीरस्थान, निदानस्थान, चिकित्सास्थान, कल्पस्थान, उत्तरस्थान. 6800 जिस्को वेरीनिवासि पं० रविदत्तजीसे भाषार्थ और मुरादाबादनिवासि पंडित ज्वालाप्रसादमिश्रजीसे भलीभाँति शुद्ध कराय, और इस आवृत्तिमें आयुर्वेदमार्तंड प्रसिद्ध राजवैद्य शास्त्री पं० मुरलीधरशर्माजी फर्रुखनगरनिवासीसे पुनः शोधन कराके, खेमराज श्रीकृष्णदासने बंबई निज "श्रीवेङ्कटेश्वर" स्टीम-यन्त्रालयमें मुद्रितकर प्रकाशित किया. आश्विन संवत् १९६४, शके १८२९. ' IIIIIIIIIII 80 DAIN0MTIMIRM IRMIRIDIOHITRINITION सरकारीनियमानुसार पुनर्मुद्रणादि सर्वाधिकार "श्रीवेङ्कटेश्वर यन्त्रालयाधीशने स्वाधीन रक्खाहै. For Private and Personal Use Only

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