________________
-
छउम]
(४०)
[छिन्न छउम. पुं० न० (छद्मन् ) (१) १५; माया. छह कोने वाला. Having six cor
शठता; माया. Fraud; Deceit; ners. ठा० ८; Guile. सम० १; (२) १२९. छाअोवग. पुं. (छायोपग) सेवनीय ५३५; आवरण; आच्छादन. A covering. माननीय पु३५. सेवनी य पुरुषः माननीय सम० १; ठा० १, २,
पुरुष. Venerable; Respectaple. छंदा. स्त्री० (छन्दा) दीक्षा नी से भेद, पी. ठा० ४,३,
ताना अथवाभाना अलिपायथा सीसी छागल. त्रि. (छागल) ०५४२संधी. अज हाक्षा. दीक्षा का एक भेद, अपने या दूसरे के संबंधी. Coming from or relaअभिप्राय विशेष से लिया हुआ संन्यास.
ting to a goat. ठा० ५, ३; A variety initiation. ठा० २, २, छागलिय. पु. (छागलिक) ५२था याताना छगण. न० (स्थगन) . पिधान; ढकना. આજીવિકા ચલાવનાર; બકરાને પાલનાર. A lid; A cover. वव० ४,
छागों से आजीविका करनेवाला; अजापालक. छग्गुरु. पु. (षड्गुरु) (1) मेसा मेसी One who lives on goats. विवा०
विवसना वास. एकसौ और अस्सी १,४; दिनों का उपवास. One hundred- छाया. स्त्री० (छाया) (1) शोमा. शोभा. ceighty fasts at a time. (२)
Beauty. ग्रोव० (२) प्रतिगिया विवसन। 8५वास. तीन दिनों का उपवास. ५७ . प्रतिबिम्ब; परछाई A reflecThree fusts at a time. ठा. ted image; A reflection. उत्त० २, १;
२; -गइ. स्त्री० (गति) या अनुसार छड्डण न० (छर्दन) टी ४२साते. वमन; वान्ति. । गमन. छाया के अनुसार गमन; छाया के Vomiting. विवा० १,८;
अवलम्बन से गति. Going; followछत्त. न० (छत्र) छत्र. A parasol; ing a shadow. पन्न० १६;
An umbrellu. -धार. पु. छार. त्रि० (क्षार) (१) मत्सरा. मात्सर्य. (धार) छत्र धा२९५ ४२ना२ ना.२. छत्र Jealousy; Spite; Malice. (२) धारण करने वाला नोकर. The bearer ससाता . असहिष्णुता. Intoleraof an umbrella. Efterto 2; tion. जीवा० ३; --पडागा. स्त्री० (पताका) ५० युक्त छिड्ड. न० (छिद्र) 441A; अ५स२. अवकाश; 41; छत्र १५२नी ग. छत्र युक्त ध्वज; अवसर. Opportunity. परह. छत्र के ऊपर की ध्वजा. A flag |
fastened on a parasol. आवे० | छिडपाणि. पु. (छिद्रपाणि) मे रन छराण. न० (छन्न) भाय ५८. माया कपट. न साधु. एक प्रकार का जैन साधु. A
Fraud; Trick; Deceit. सूय० kind of Jain Saints. अाया० १, २, २, २६
२, १, ३, छप्पय. पु. (षट्पद) लभ. भ्रमर. भमरा. छिन्न. त्रि. (छिन्न०)छेहेस. छेदा हुआ. Cut; A bee. जीवा० ३;
Pierced. -गंथ. त्रि० (ग्रन्थ) छलंस. त्रि० (पडल) मुष्य वाणु षट् कोण; स्ने २हित; स्नेह भुत. स्नेह रहित;
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org