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परणाग] ( ४०४)
[ पत्थार परणाग. त्रि. (प्रज्ञ ) विद्वान. Learned | पत्ति. स्त्री० ( प्राप्ति ) लाभ. Acquisition, man. पंचा० १७, २७;
or gain. दे०१,४२;उप०२२६, चेइय०८६४; पण्णावंत नि० (प्रज्ञावत् ) ज्ञानवान्. Wise, पत्ति. पु० (पत्ति ) (१) सेना विशेष, जिसमें intelligent. राज.
एक रथ, एक हाथी, तीन घोड़े और पांच पैदल पराणाविसा. स्त्री० (पञ्चविंशति ) पचीस. हों, The smallest division of an Twenty five. 956
army consisting of one chariot, परहवाहण. न० (प्रश्नवाहन) जैन मुनि-गण का ! one elephant, three horsemen
एक कुल. A group of Jain saints. | and five foot-soldiers. (२) पैदल ती० ३८;
चलने वाली सेना. An army of footपरहुअ. त्रि० (प्रस्तुत) (१) क्षरित, झरा हुआ. | men. उप० ७२८ टी;
Ouzed, Dropped. (२) जिसने झरने का | पत्तिा . स्त्री० (पत्रिका) पर्ण, पत्ती. Leaf. प्रारम्भ किया हो. One that began to | कुमा० ooze. पउम० ७६, २०; हे० २,७५ पत्ते-ग. न० (प्रत्येक ) पृथक पृथक, अलग पराहुइर. त्रि०(प्रस्नोतृ) झरनेवाला. Trick- अलग. Each, every one. क. गं० १, ling, leaking. गा० ४६२; पराहोत्तर. न. (प्रश्नोत्तर) सवाल जवाब. पत्तेय. त्रि. (प्रत्येक ) बाह्य कारण. Each, (Question fitlhanser. सुर० १६,४१, single. नंदी० १३०; १३१ टी; कप्पू०
पत्थ. पु. (पार्थ) (१) अर्जुन, मध्यम पाण्डव. पतारग. वि० ( प्रतारक ) वञ्चक, ठग. Cheat, Arjuniv. स. ६१२; वेणी. १२६; कुमा० imposter. धर्मसं० १४७;
(२) पाशाल देश के एक राजा का नाम, A पत्त. न० (पात्र) (१) अाधार; अाश्नय; स्थान. king of the Panchala region. Support. कुमा० (२) लगातार बत्तीस पउम० ३७, ८; (३) भद्दिलपुर नगर का एक उपवास. Thirty two fasts at a राजा. A king of Bhaddilupur. 'सुपा० stretch. संबोध० ५८;
६२६% पत्त, त्रि० (पात्त) प्रसारित. Spread. कप्प. पत्थ. पु. (प्रार्थ) (१) प्रार्थन, प्रार्थना. पत्तट्ट. त्रि०(प्राप्ताथं) (१) बहु शिक्षित, विद्वान् ; Prayer. (२) दो दिन का उपवास. Two
अति कुशल. Learned, skilful. दे० ६, | fasts at a time. संबोध. ५८% ६८; सुर० १, ८१; सुपा० १२६; (२) समर्थ. | पत्थण. न० (प्रार्थन ) प्रार्थना. Prayer, Powerful. जीवस० २८५;
solicitation. महा० भवि० पत्तणा. स्त्री० (प्रपणा) प्राप्ति. Acquisition. | पत्थरण. न० (प्रस्तरण) बिछौना. Bedding. पंचू. ४;
धर्मवि० १४७; पत्तल. न० (पत्र) पत्ती, पर्ण. Leaf. हे० २, | पत्थरिश्र. त्रि. (प्रस्तृत) बिछाया हुआ, १७३, ४, ३८७, प्रामा० सण.
Spread. 9720 पत्तलण, न० (पत्रल) पत्र-समृद्ध होना, पत्र- | पत्थार. पुं० (प्रस्तार ) विस्तार. Aren. बहुल होना. Abounding in leaves. / उबर० ६६; (२) तृण-वन. A forest of गा० ६२६;
grass. (३) पल्लवादि-निर्मित शय्या, A bed
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