Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 4
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 24
________________ भयच्या. ] उपयोगवाला. (one) having the utility of a knowledge of fear. भग० ११, १९ – सन्ना. स्त्री० ( संज्ञा ) लयसंज्ञा- जीउनी लागली. भयसंज्ञा - डरका भाव. Knowledge of fear आब० ४, ७, भयप्र. ० ( भृतक ) या२; नो२. सेवक; भृत्य Servant पिं० नि० वत्र० ६, ३-८ सूय० २, २, ६३: भयंकर त्रि ( भयंकर ) लय २नार भयावना; डरावना; डर पैदा करनेवाला. Terri - ble. जं० प० २, ३६; नाया ० ८ भग० ३, २, भयंत. पुं० ( भदन्त ) મહાનુભાવ; શ્રેષ્ઠ यून्य; गुरु महानुभाव; श्रेष्ट पूज्य गुरु. Worshipful; excellent; worthy; a teacher आया० २, १, ४, २४: प्रोव० ३४, विरो० ३४४६; ३४४६; ओोघ० नि० ४८ भयंतार. पुं० ( भयत्रातृ ) लयथी मयाचनार भगवान् भयसे रक्षा करनेवाला; भगवान्. (one) who protects from a danger; Lord. सू० १, ४, १, २५ः १, १६, ६; २, १, १४; श्राया० २, १, ४, २४; ओव० ३४; भयक. पुं० ( भृतक ) पेटवडीयो नोड२. भोजनके बदले सेवा करनेवाला; सेवक. A servant who accepts food for his wages. पह० १, २; भयग पुं० भृतक ) सेव; भृत्य; सेवक; भृत्य; दास; नौकर. ( १८ ) Jain Education International नौकर; ३६ ७; हास. A servant. ठा० ३, १, ४, १; जीवा ० ३, ३, राय० ३४; - भक्त पुं० ( -भक्त ) सेव उने भाटे अटे लोन सेवकके लिए निकाला हुआ भोजन. Food taken out for a servant निसी ६, ६; For Private [ भयानि. भयण. न० ( भजन भज्यते सर्वत्रात्मा प्रहृी क्रियते येन ) सोल; आशा तृष्णा लोभ; आशा तृष्णा. Greed; thirst. सूय ० १, ६, ११; भयरणा. स्त्री० ( भजना ) विपथंथित् होय उयंभित न होय ते. विकल्प; कभी होने वाला और कभी สุ भी होनेवाला. Optional; that which occurs sometimes. भग०५, ६-८ ६, ३; ८, २१२, १०; २४, १; पिं०नि० १०५; १५६; विशे० ३६०; २६२६; जीवा • १; पत्र० १ ० ० ६, ११; पंचा० १, ४; ११, ४५; भर्याणज्ज. त्रि ( भजनीय ) विये होवा योग्य विकससे होने योग्य. Fit to occur optionally. विशे० ३४३; क० १० ७, ६; भयवंत पुं० ( भगवत् ) लगवानू पूज्य; भैश्वर्यवान् भगवान् पूज्य; ऐश्वर्यवान्. Lord; worshipful; majestic. जं० १० ५, ११२; ११३; ११४; २, ३३; उत्त० ६, २, ६, १८ भग० १, १९ ३, ३; नंदीस्थ ० १; नाया ० १५; गच्छा ०६: भयागीय. त्रि० ( भयानीत भयं श्रानीत येन ) लय लावनार लयान 5. भयंकर भयावना; डरावना Terrible; frightful. भग० ३, २; भयालि. पुं० ( भयालिन् ) हायना भरत ખંડમાં થનાર ૧૯ મા તીર્થંકરના પૂર્વ ભવનું नाभ जंबूद्वीप के भरतखण्ड में होनेवाले १६ वें तीर्थकर के पूर्व भवका नाम. Name of the previous life of the 19th Tirthankara to be born in Bharata knanda of dvipa. सम० प० २४१; Jambū Personal Use Only www.jainelibrary.org

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