Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 3
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 12
________________ तज्जण] [तड तजयंत. व. कृ. नाया०८ मिले सोही लेना ऐसा भाभग्रह धारण करने ताजजमाण. कं० वा. व. कृ. सूय. २,१; arar. ( one ) taking the vow ४८3; नाया. १६3 that he would accept anything तज्जण. न० (तर्जन ) तना ४२वी; GR given by one whose hands are १३। तर छ।sg. तिरस्कार करना. Re- smeared by handling the obproaching; taunting; insulting. jects that he is to receive. परह. सूय० २,२, ६२; १२; पण्ह. १,२; दसा. १, ; ठा०५,१;-ससठ्ठचर.त्रि० (-सं ६, ४; नाया. १९; सु०च०,१; ओव० ४१, | सृष्टचरक) नु। ५ो श»६. देखो ऊपर तउजणा. स्त्री. ( तर्जना ) । " तजण" का शब्द. vide above. भोव- -सं. श६. दखा “ तजण " शब्द. Vide सहचरग. त्रि० ( -संसृष्टचरक ) नुस। तजण "श्रोव० ४०;राय० २७४ उपसा श. देखो ऊपर का शन्द. vide तजा-य. त्रि. (तजात) ४३ शिष्यने above. ठा०३:१; શિખામણ આપતાં જે શબ્દો કહ્યા, તેજ | तज्जाइय-अ. त्रि. (तज्जातिक-तस्म जातिશબ્દો શિષ્ય ગુરૂને સંભલાવે કે તમે કેમ ___ रुत्पतिर्यस्य सः) तेमांथा उत्पन्न येस. उसमें नथा ४२i ते. शिष्य को शिक्षा देते हुए गुरुने । से उत्पन्न. Born of it. “ तजाइमा जो शब्द कहे वही शब्द शिष्य गुरु को पुनः इमे कामा" सूय० १,४, २, १६; कह सुनावे कि तुम ( स्वतः ) क्यों नहीं करते | तज्जिय. त्रि. ( तर्नित ) तना रेख. ET. Repeating the advice given पीडित; तर्जना किया हुआ. Troubled; by a preceptor before him reproached. उत्त० २, ८, ३५; पयह. retorting that why he himself १, १; प्रव. १५२ does not abide by it. "तजाय | तटाग. पुं० (तडाग) तलाव. तलाव, तडाग. दोसे भइभंगदोसे" ठा० १०; सम० ३३; A lake. ओव. दसा० ३, २५; ( २ ) साधुने मा५॥ योय | तट्ट. त्रि. ( तष्ट) छोलेसु; श्री रेतु. छीला द्रव्य-माघ पहा. साधु को देने योग्य द्रव्य हुआ; बारीक किया हुआ. Scarped; -खाद्य पदार्थ. an eatable fit to be | sliced. सूय०१,७,३०; जं. प. ७,१५७; offered to an ascetic. ठा० ५, १; तहाणपत्त. त्रि. (तत्स्थानप्राप्त) ते४ स्थानने -लेव. पु. (-लेप) साधुने आ५वाना प्राप्त थये।. उसी स्थान को जो प्राप्त हुश्रा पायथा हाय कोरे सपाय ते. साधु को देने है वह. ( One ) who has reached वाले पदार्थों से हाथ वगैरह बिगड़ जाय वह. that place. वेय. ६, २; the smearing of hand by an तट्ठार. पु. (त्वष्ट) चित्रा नक्षत्रने अधिधाता object to be given to an ascetic. यता. चित्रा नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता. ओघ नि० ४.१; --संसहकप्पिथ. त्रि. The presiding deity of Chitra (-संसृष्टकल्पिक ) dent-५वानुम्य _constellation "दो तहा'' ठा. २, ३; તેથી ખરડાયેલ હાથ વગેરેથી આપે તેજ अणुजो. १३१; सू० प. १०; जं. प. से । अलि परना२. तज्जात-देने का तड. न० ( तट) किनारे; siti. किनारा; तट. द्रव्य उससे बिगड़े हुए हाथ इत्यादि से जो) Bank; shore. नाया. ५; विशे० ७६४; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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