Book Title: Anuyogdwar Sutram
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ अनुयोगद्वारसूत्रस्य श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 1 // विषयानुक्रमः पृष्ठः // श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य विषयानुक्रमः॥ सूत्राणि-६०६ विषयः सूत्रम् पृष्ठः / क्रमः विषयः सूत्रम् // भूमिका / / अनुयोगवक्तव्यताया वृत्तिकार मङ्गलम्। 'निक्खेवेगट्ठादि' द्वादशद्वाराणि। 5 / मङ्गलसूत्रम् / पञ्चज्ञानस्वरूपम् / 1 आवश्यकश्रुतस्कन्ध इति पञ्चज्ञानमध्ये श्रुतज्ञानस्यैवानुयोग पूर्णनामप्रतिपादनम्। इति / उद्देशसमुद्देशानुज्ञानां श्रुत आवश्यकः 1 श्रुतः 2 स्कन्धः प्रत्ययानि सप्तवन्दनकानि, 3 इति पदत्रयनिक्षेपप्रतिज्ञा। 7 अनुयोग विधिक्ष। / आवश्यकस्य निक्षेपाः / / अङ्गप्रविष्टाङ्गबाह्य श्रुतज्ञानयो नामादि चतुष्टयस्य सर्वव्यापकत्वम् / 8 मध्ये प्रस्तुते ऽङ्गबाह्यस्योद्देशा (गा.१) दीतिप्रतिज्ञा। आवश्यकस्य नामादि चत्वारो कालिकोत्कालिकश्रुतज्ञानयो निक्षेपाः। मध्ये प्रस्तुत उत्कालिस्योद्देशादीति 1. नामावश्यकनिरूपणम्। 10 प्रतिज्ञा। 2. स्थापनावश्यकनिरूपणम्। 11 अङ्गबाहोत्कालिकरूपस्या नामस्थापनयोः प्रतिविशेषः। 12 वश्यकस्योद्देशादीति प्रतिज्ञा। 5 / 3. 1-2 द्रव्यावश्यकस्वरूपमा

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