Book Title: Anuyogdwar Sutram
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ क्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः (गा.८५-९०) श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 8 // 1.2.10.10.3-4 तृतीयद्रव्यप्रमाणम्, अनुयोगद्वारसूत्रस्य विषयानुक्रमः 232 236 प्रमाणम् सामासिकादि चतुर्विधम्।। सप्तविध सामासिकनिरूपणम्। 292 (गा.९१) चतुर्थभावप्रमाणे द्वितीय तद्धितनाम। तस्याष्टभेदाः / तृतीयं धातुजं चतुर्थ निरुक्तिकश्च। 302 (गा.९२) // प्रमाणाख्यं तृतीयप्रतिद्वारम् // तस्य द्रव्यक्षेत्रकालभाव चतुर्भदाः। द्रव्यप्रमाणस्य प्रदेशनिष्पन्न विभागनिष्पन्नी भेदौ। 1.3.1.2.1-5 विभागनिष्पन्नस्य मानोन्माना ___वमानगणिमप्रतिमानादि पञ्चभेदाः / 1.3.1.2.1 मानप्रमाणम्। 313 1.3.1.2.2 उन्मानप्रमाणम्, तस्यार्धकर्ष कर्षार्धपलपलादिभेदाः। 322 क्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः 1.3.1.2.3 अवमानप्रमाणम्, 1.3.1.2.4 गणिमप्रमाणम् / 324 244 (गा.९३-९४) 1.3.1.2.5 प्रतिमानप्रमाणम् / 328 246 1.3.2 क्षेत्रप्रमाणम, द्विभेदम् 1.3.2.2.1-4 विभागनिष्पन्नस्याङ्गल वितस्तिरलिधन्वादि भेदाः। 330 247 1.3.2.2.1.1 आत्माङ्गल प्रयोजनम्, तस्य सूचिप्रतरघनत्रयोभेदाः। 336 251 (गा.९५-९८) 1.3.2.2.1.2 उत्सेधाङ्गलनिष्पत्तिः। सूक्ष्मव्यवहारिकपरमाणुश्च। 339 254 (गा.९९-१००) 1.3.2.2.1.2 उच्छलक्ष्णश्लक्षिणकादारभ्य धनु गव्यूतादि प्रमाणाः। 344 257 1.3.2.2.1.2 रत्नप्रभादिनारकाणामसुरकुमारा दीनाञ्च शरीरावगाहना। 347 259 1.3.2.2.1.2 पृथ्व्यप्तेजोवायुवनस्पति द्वि त्रिचतुरिन्द्रियाणां शरीरावगाहना। 349 262 239 243

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