Book Title: Anuyogdwar Sutram
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ क्रमः श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 11 // अनुयोगद्वारसूत्रस्य विषयानुक्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः 1.3.4.1.1.1.3 औपम्यज्ञानगुणभावप्रमाणम्, तस्य साधर्म्यवैधोपनीत द्विभेदौ तयोस्त्रयस्त्रयोभेदाः। 458 339 1.3.4.1.1.1.4 आगमज्ञानगुणभावप्रमाणम्, तस्य लौकिकलोकोत्तरिक द्विभेदौ, सूत्रादिभेदाश्च। 467 341 1.3.4.1.1.2 दर्शनगुणभावप्रमाणनिरूपणम्। 471 343 1.3.4.1.1.3 चरित्रगुणभावप्रमाणम्, तस्य सामायिकादि पञ्चभेदानि प्रभेदानि च। 472 344 1.3.4.1.2 नयभावप्रमाणम् प्रस्थकदृष्टान्तेन निरूपणम्। 473 347 वसतिदृष्टान्तेन निरूपणम् / 475 350 प्रदेशदृष्टान्तेन निरूपणम् / 476 353 सङ्ख्याभावप्रमाण, तस्य नाम स्थापना द्रव्याद्यष्टभेदाः, 1. नाम 2. स्थापना 3. द्रव्यानां तथा शङ्खशब्दमाश्रित्य निरूपणम्। 477 359 .3.4.1.3.4 अष्टानां मध्ये औपम्यसमयाभावप्रमाणम्, तस्य भेदचतुष्टयम्। 492 363 क्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः (गा.११९-२२) 1.3.4.1.3.5-6 परिमाणज्ञाने सङ्घयाभावप्रमाणे। 1.3.4.1.3.7 गणनासं०भावप्र०, तस्य सङ्ग्यातासङ्ख्यातानन्तभेदाः, जघन्यमध्यमोत्कृष्टादिप्रभेदाश्च। जघन्य ससयेयक स्वरुपम्। 497 367 उत्कृष्टसङ्ख्यात सङ्ख्याभावप्र०। 508 नवविधासंख्येयकम्। 372 अष्टविधानन्तकम्। भावशङ्खस्वरूपश्च। // वक्तव्याताख्यं चतुर्थप्रतिद्वारम् // स्वसमयपरसमयोभयवक्तव्यता नयापेक्षया विभजनञ्च। 521 380 // अर्थाधिकाराख्यं पञ्चमप्रतिद्वारम् // 384 (गा.१२३) // समावताराख्यं षष्ठप्रतिद्वारम् // नामादि षड्भेदाः, |1.4

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