Book Title: Anusandhan 2001 00 SrNo 18
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 272
________________ 265 जोता. मोरारीबापु एक जाट योगदान छे. लाला सात कर्यो. नाम 'महियारानां मुक्तक'. ए पुस्तकना स्केचीस माटे पण परवानगी मेळवी आपी अने एमनी भरपूर मांदगी दरमियान पण महेश दवेए पुस्तकना स्केचीस बनावी आप्या. 'उद्देश'ना पहेले पाने अमन लखाण अवारनवार प्रगट थतुं. ए पुस्तक पण प्रेसमां छे. वसवसो एटलो छे के ए पुस्तक जोवा माटे ए रह्या नहीं. प्रत्येक परिस्थितिने के व्यक्तिने ए अंशमां नहीं पण अखिलाईमां जोता. मोरारीबापु एक जमानामां सवारे अने सांजे कथा करता. मने कहेता के मोरारीबापुर्नु आ बहु मोठे योगदान छे. लाखो माणसो छ-सात कलाक सुधी सांभळे तो एनो अर्थ एवो थयो के आ छ-सात कलाक दरमियान माणसो सारी-नरसी प्रवृत्तिओ करतां होय ए बधाने ज पलांठीभेर बेसाडी राखी अमने तुलसीदास रामायण पहोंचाडवू ए नानीसूनी वात नथी. भायाणीसाहेबर्नु अवसान थयुं त्यारे मोरारीबापुए मने फोन करीने कडं के सारुं थयु के तमे एमने जोवा माटे मने अमदावादनी हॉस्पिटलमां लई गया. उत्पलने कडं के भाव अने भाषाना ऋषितुं मने दर्शन थयु. सतीश जाईए आणंदथी उत्पलने फोन करीने कर्वा के भायाणीसाहेब एटले वीसमी सदीना हेमचंद्राचार्य. ओपन युनिवर्सिटीना जाणे के ए वाइस चान्सेलर हता. कोईके मने एमनी प्रार्थनासभामां कडं के भायाणीसाहेबने जोईए त्यारे सौजन्य अने विद्वत्तानी स्पर्धा होय एवं लागे. भायाणीसाहेबने कशानो छोछ नहीं. टी.वी. पण जुए. मर्डर मिस्ट्री पण वांचे अने क्लासिकल म्युझिक पण सांभळे. बारणां क्यांय बंध नहीं, बारीओ खुल्ली. आखी जिंदगी निग्रंथ व्यक्तित्व साथे पुस्तको अने माणसो, माणसो अने पुस्तको साथे भरपूर जीव्या. अमने हृदयना प्रणाम. सुरेश दलाल ('जन्मभूमि-प्रवासी'ना सौजन्यथी) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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