Book Title: Anusandhan 1999 00 SrNo 13
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 52
________________ 47 ___ ढाल कडी अर्थ शब्दकोश शब्द शिलावट पंचसूत्तर सित्तेर भागनि १ ९ १ ९ करण चरणनि सित्तरि सलाट शिल्पशास्त्रना नियम प्रमाणे जिन प्रतिमाना मापनी विगत. जैन मुनिना आचारमा आवता करणसित्तरी तथा चरणसित्तरी शब्दो : आचार पालनना नियमविशेष. उत्कृष्ट गांठ-गांठो चार वांसने जवारिया तीर्थंकरनी धर्मसभानुं स्थान जैनागमोमांना ११ अंगसूत्रो पैकी पांचमा अंगसूत्र-भगवती उकिठ ग्रंथी चउ बंसनें जवारका समोसरण पंचम अंगमां सूत्रमा or m: 3 9r ww सोहव सनाथ वीसथानिक तप तीर्थंकर गोत्र सधवा : सौभाग्यवती स्त्री स्नात्र ए नामनी एक विशिष्ट तपस्या तीर्थंकर थवा माटे उपार्जन करवा पडतां कर्मनुं नाम. १२ देवलोक पैकी १०मा देवलोकनुं नाम. २० सागरोपम : सागरोपम ते जैन कालगणनामां एक कालविशेष छे. प्राणत स्वर्ग वीस सागर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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