Book Title: Antagada Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 14
________________ एकदन कपनासरीषा यावत् नलश्र्वर देवसराबा अरिहंत अरिष्टनेमाने जायगे। सहोदराः सरितथा जानलऊररसमाण। अरहती। डारिने मिस्स / प्रतिए धर्मनसांनसा संसारथी बनाउपरांगाथयासमारंस बीनाजन्नममरलथा मुंडल्यात दीक्षालाधी तिवारें जले धमं सोचा। संसाधन अधिश निना । जमण मरणाएं मुमाजा सासरी अमृ दानदीक्षा ली रिहंत एरवी अष्टमान सन्देवांड नमस्कारक समावें तिनदिन वैदिवसं पतिता संदेश दिवसे । अहं अरिनेमिं वंामी रामसामी। एतासूं पकं छते खाज्ञा यावत् तिबारे सम्हो तुम्हारा यथासुब अनियनें अनि एहमी सामोझे अफला था। समाया जात् जलते यावत् दिव अरहंतना आता बत जावजीवज अश्यार माहे म्है। अरिहंती अप्रफ़लाथासमाणा । जानी राणा उठणं जादिहरामी तंत्री आज बहने पारणें पोरसीसझाय यावद फिरतां २ श्रवणदारांमाए। योरसिशनाएं। जानुयमाणा । तदगे हा अफदि तेज अदितेनाजुदारं आहेअनेरार देवकादे काक प्रथम तारे घरे माहि नही निश्री हेदेवानुप्रिय जेोदिसथी a घा संधी श्वसुदेवा एफपिया दे श्रम्हे देवैति देविं। एवंवेदतिर जामे आमा achfefa पायागया देवाने एवोरुप तिवरित देवकीनामे दिसंयाउनुन्ना समिद्धिसंगिता शरणं तीसेदेदीए| देवतीए । श्रथमेता सूदे ! 5 अध्यवसाय ऊपनो इमनि अमुक्तकुमार पोलासपुरा गरनें विषे लिए ममुखला । एवंश्स्का है ये बासडर | परि अतिमुतैकमारसमल हो। For Private & Personal Use Only पहा साफ 9

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