Book Title: Antagada Sutra
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 28
________________ रणनि क मरिनटारकश अनकिरणने परिणाम पाने. अंतरहित योन शाकम्प्रातकाश्यधिविरध्यक्शकश्राश्रयास्सिाएं यावत् केवल स्वानज्ञान दवनिसन्कयनी तिवारपसासिषणया थाक्सनःबरहित तिनजीकरतीए च्या तरी जादवलाश्मागीदमणिसमाaaतीयबासिहाजासिaatहासaिrta देवेसम्यक सम्परामाराव मकराने वयान थमनीपाटीकी पांचवलमा तरुल याभ्या स्वाक्षे हिंदवह्मसमासाशहिाकिटासनात्यवहादसहपावसacaभा पकरो कान गात गंधवाना निवाद करता नया तिवारते कृपवासुदेव कान्हरगटलातरब afदिवशीशाश्वानिएकएयाशिवबाहिरी एफारुकाकासम्म यावत् जाजत्यमान सात यावत् दिनवितयार हस्तानेवायबरहा सकारटननस्पतीनाकलनीमाला धारा जायाजाचा जलावा विशिवहरिवंशशासकीमततायि वितिअजलेवामहालातेहालतिमाशे योभनफरनामावनिकानारा माश योसनफर नेहनासमंदते परिवस्वा मारकानगराने अमाणेसियवस्वामशहिंसधमालि€महासङवद समुदक्ष रिविश Kalam मध्यमम्मे जिरिजरायनेमोतिहांसम्ववालागा तिवारते रूपवासुदेवसरका प्रमशास्त्रातअरिहीamयहाशिए आगलासकासस्वार नारने विधर नाकलनाथको एकावरुनो जनो नरोदेहयाचत् किसामना तीपायरीएमपद्यमालिएगवरसंपासंती मोजराजशरियताजावक्त सहितमाटाधणीभूऽजगे रटनारासा एकेको इटने यहाने बाहिरतीसरा थका घरनेमाहलेपासें प्रवेत्रकरताथ | सहमहासयाइहरासीमाएगाईटयामहायाबहियारशायहतोत्रहीशिवधि का For Privateerapaltimonly.

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