Book Title: Antagada Sutra
Author(s): Sudharmaswami,
Publisher: ZZZ Unknown
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मेलिनामाने रुपी चावत्
विल्का
अरिएंस प्रतिमानें अरित अरीष्टनमानें।
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प्रारीजएंविधा हिरणं वायरित्रायताअरिहंत्री अरिहनेमिस्स/अंतिमुडावाश्या प्रध्ययन अहती राज्पनेवियान अंतरवियं मनुष्यकामजोगनिनिमें
मुर्तित स नहायात प्रशनधिमधल्यशिरश्यनावश्य माएफस्सए सयकामयोगसमुडियधनी ऊयावत् अरिस्त अरिष्टनेनीनेयावत्यासंदीक्षालेवा कलादिवतेयास्तारानेमा अपवासुदेवप्रतमलील्या शानीअरहती अरिहीनीलाईrajsएहाविअरहाचरिहनीकएंहवामदेव एवंफ्या तेनिश्छतेकृष्ट उनएकबोमनसायनयनो अन्पतेयावत् दाक्षालाकी लेनिश्चे किमार्थसमध हास्वामी रिसेप्कएनएविएशोtaजापतaसएगायावसम्मलित
तेनिश्चेभश्मनची नावं नाहर नेवासुदेवकोलकानं. रुपायावत् दीक्षालेसी ताप्रनितामीरवलुकाएकंवतवामानवसनिघालावासहिवाश्यताहिंजाaal
तेस्यामारें हिरण्य मकहार नामका यावत् दाहालसामादि अरिहंत अरिष्टनेमा इति सिदाशिवएवaaएयरक्षा जाएaइस शिकएकदिअरसारित
लवासुस्विपने मनपा प्रमनिय कलसव वासुदेवारनिनिविनियामानाकरणहारको तेणे asी कवासरवावयासीकएकासादियाविनासदिक्षालाaaयाएकडा सात अर्थ कलमकहानथामकाजावत दीक्षानलसा- निवारेते असामुदेवें अराम्बरीष्टनेमात सांअहिणकएकाएघेवुवतीएयूयं जावएस्सविसमिकरणेवासद अरश्रनि प्रमबोल्या अन्य हार्यो कालनेअवसरेकालकरने किहांजामु किहोगपजस्
तिवारत एवंश्याम अलपत्रईकासप्रासकालंविधाकशिनिस्सनिहिंयवधीसानी ति

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