Book Title: Anekant 1940 06 07
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 67
________________ धर्म बहुत दुलभ है [ले० श्री जयभगवाव जैन बी. ए., एसएस. बी. वकील] यह जीवन दुःखी है:- दुःखी रहना जीवनका उद्देश नहीं:- .. जिधर देखो, जीवन दुःखी है । यह समस्त जीवन, प्रश्न यह है कि क्या इस प्रकारका दुःखी जीवन जो चार महाभूतों-द्वारा आकाशको घेरकर शरीरवाला जीवनका अन्तिम ध्येय है ? मरणशील जीवन , ही बना है, रूप-संज्ञा-कर्मवाला बना है, जो इन्द्रियोंसे जीवनकी पराकाष्ठा है ? क्या जीवनं इसीके लिये बना देखने में आता है, बुद्धिसे जाननेमें आता है, दुःखी है। है-इसीके लिये रहता है ? क्या इससे अागे ढूंढने के क्यों ? लिए, इससे आगे बढ़नेके लिये जीवनमें और कुछ . इसलिये कि इसमें लगातार परिवर्तन है, लगातार नहीं ? अस्थिरता है, लगातार अनित्यता है, लगातार इष्टताकाइनका उत्तर नफ़ीमें ही देना होगा। चूँकि जहाँ वियोग है। यह आर्य सत्य है कि यह जीवन दुःखी है, वहाँ यह भी इसलिये कि इसका श्रादि भोलीभाली बाल्य-लीला आर्य सत्य है कि दुःखी रहना जीवनका उद्देश्य नहीं, में होता है, मध्य मदमस्त जवानीमें होता है, उत्कर्ष मरना जीवनका अन्त नहीं । जीवन इससे कहीं अधिक चिन्तायुक्त बुढ़ापे में होता है और अन्त निश्चेष्टकारी बड़ा है, ऊँचा है, अपूर्व है। मृत्युमें होता है। इस सत्यके निर्धारित करने में क्या प्रमाण है ? इसलिये कि यह प्रकृति-प्रकोपसे, आकस्मिक उप. इसके लिये दो प्रमाण पर्याप्त हैं । एक स्वात्मअनुभूति द्रवोंसे सद्रा लाचार है । भूक-प्यास, गर्मी-सर्दी, रोग- दूसरा महापुरुष अनुभूति । व्याधिसे सदा व्यथित है । चिन्ता-विषाद, शोक-सन्ताप स्वात्मानमति की साक्षी:से सदा सन्तप्त है । अनिष्ट घटनाओंसे सदा त्रस्त है, अन्तरात्मा इसके लिये सबसे बड़ा साक्षी है । सबसे नित्य नई निराशाओंसे सदा निराश है और मृत्युसे बड़ा प्रमाण है । वह दुःखको सत्ताको आत्मतथ्य मान सदा कायर है। कर कभी स्वीकार नहीं करता । वह बराबर इससे लड़ता - यह जीवन दुःखी है, इसके माननेमें किसीको विवाद नहीं। यह सर्व मान्य है, सब ही के अनुभव रहता है । वह बराबर इसके प्रति प्रश्न करता रहता है, सिद्ध है। यह आर्य सत्य है, श्रेष्ठ सत्य है । शंकायें उठाता रहता है। इसीलिये वह इसकी निवृत्ति के लिये, इससे भिन्न सत्ताके लिये सदा जिज्ञासावान् * दीघनिकाय २२ वा सुत्त। बना है।

Loading...

Page Navigation
1 ... 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80