Book Title: Anandghan ka Rahasyavaad
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 343
________________ ३३८ आनन्दघन का रहस्यवाद आप्तमीमांसा (देवागम)-स्वामी समन्तभद्राचार्य, हिन्दी टीकाकार- पं० जयचन्द्रजी, मुनि अनन्तकीर्ति ग्रन्थमाला समिति, कालबादेवी रोड, बम्बई, प्रथम आवृत्ति । आनन्दधन ग्रन्थावली-सम्पा०- महताबचन्द खारैड, 'विशारद विजयचन्द जरगड, जयपुर-३, प्रथम आवृत्ति, सं० २०३१ । आनन्दघन चौबीसी प्रमोदायुक्त- सम्पा० प्रभुदास बेचरदास पारेख, श्री जैन श्रेयस्कर मण्डल-महेसाणा, पुनरावृत्ति, सन् १९५७। प्रानन्दघन चौबीसी-विवे० मोतीचन्द गिरधरलाल कापडिया, श्रीमहावीर जैन विद्यालय, बम्बई-३६, प्रथम आवृत्ति, ई० स० १९७०। आनन्दघनजी नां पदों, भाग १-विवे० मोतीचन्द गिरधरलाल काप डिया, श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई-३६, द्वितीय आवृत्ति, १९५६ । आनन्दघनजी नां पदो, भाग २-विवे० मोतीचन्द गिरधरलाल कापडिया प्रका०- श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई-३६, प्रथम आवृत्ति, १९१४। आनन्दघन पद-संग्रह-आचार्य वुद्धिसागर सूरि, श्री अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, बम्बई। आनन्दघन एक अध्ययन-डा० कुमारपाल देसाई, आदर्श प्रकाशन, जुम्मा मस्जिद सामे, गांधी रोड, अहमदाबाद-३८०००१, प्रथम आवृत्ति, १९८० । अध्यात्म-दर्शन-भाष्यकार-मुनि नेमचन्द्र म०, विश्ववात्सल्य प्रकाशन समिति, लोहामण्डी, आगरा-२, प्रथम संस्करण, १९७६ । आ० प्रवर आनन्द ऋषि अभिनन्दन ग्रन्थ-सम्पादक- श्रीचन्द सुराना, 'सरस', प्रकाशक- श्री महाराष्ट्र स्थानकवासी जैन संघ, साधना सदन, नाना पेठ, पूना-२, सन् १९७५ ।

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