Book Title: Anandghan ka Rahasyavaad
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 353
________________ आनन्दघन का रहस्यवाद योगवासिष्ठ - सम्पा० - वासुदेव लक्ष्मण शास्त्री, तुकाराम जावेजी, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, सन् १९१८ । ३४८ योगवासिष्ठ और उनके सिद्धान्त - ले०- भीखनलाल आत्रेय, तारा प्रिंटिंग वर्क्स, बनारस, द्वितीय संस्करण, १९५७ । योगसार — योगीन्दु मुनि, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, १९३७ । योगदर्शन - महर्षि पतंजलि, टीकाकार - हरिकृष्णदास गोयन्दका, घनश्यामदास जालान, गोताप्रेस गोरखपुर, द्वितीय संस्करण, सं० २०११ । योगबिन्दु - आचार्य हरिभद्रसूरि सेठ ईश्वरदास मूलचन्द, श्री जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा, अहमदाबाद, सन् १९४० । योगदृष्टिसमुच्चय - आचार्य हरिभद्रसूरि (देखिए - श्री हरिभद्रसूरि ग्रन्थ संग्रह) । द - आचार्य परशुराम चतुर्वेदी, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना-४, प्रथम संस्करण, वि० सं० २०२० । रहस्यवाद रहस्यवाद – डा० राजेन्द्रसिंह रायजादा, गुलाब कुमारी रा० रायजादा, सोंदरडा, वाया केशोद ३६२२२०, प्रथम आवृत्ति, १९८० । राजस्थान एवं गुजरात के मध्यकालीन सन्त एवं भक्त कवि - ले० - डा० मदनकुमार जानी, जवाहर पुस्तकालय, मथुरा । रायपसेणी सूत्र - सम्पा०- बेचरदास जीवराज दोशी, वि० सं० १९९४ । राधाकृष्णदास ग्रन्थावली रैदास की बानी लोकतत्त्वनिर्णय - आचार्य हरिभद्रसूरि (देखिए - श्री हरिभद्रसूरि ग्रन्थ संग्रहः) । विशेषावश्यक भाष्य - ( भाग - १ आचार्य जिनभद्र गणि - सम्पा० पं० दलसुख मालवणिया, लालभाई दलपतभाई, भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, प्रथम संस्करण, १९६६ ॥ " -

Loading...

Page Navigation
1 ... 351 352 353 354 355 356 357 358 359