Book Title: Anandghan ka Rahasyavaad
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
View full book text
________________
३५०
आनन्दघन का रहस्यवाद
संयुत्त निकाय-अनु०-भिक्षु जगदीश काश्यप, भिक्षु धर्मरक्षित एम० ए०, ___ महाबोधि सभा, सारनाथ, बनारस, प्रथम संस्करण, सन्
१९५४ । साहित्यकोश-ज्ञानमण्डल प्रकाशन, सं० २०१५ । साडात्रण सो गाथानो नुं स्तवन-उपाध्याय यशोविजय, श्री महावीर
जैन सभा, खम्भात (गुजरात), प्रथम आवृत्ति, वि० सं०
१९७५ । सोमंधर स्वामी नुं विनती रूप सवा सौ गाथा - स्तवन-रचयिता
उपाध्याय यशोविजय, श्रीमहावीर जैन सभा, खंभात, जैन
विद्याविजय, अहमदाबाद, प्रथम आवृत्ति, वि० सं० १९७५ । सुन्दर-दर्शनसुबालोपनिषद्-गीताप्रेस, गोरखपुर । सूत्रकृतांग सूत्र--(श्रीमझीलांकाचार्य वृत्तियुक्तम्)-सम्पा० एवं संशो०
मुनि श्री जम्बूविजयजी, मोतीलाल बनारसीदास, इण्डोलाजिक ट्रस्ट, बंगलारोड, जवाहर नगर. दिल्ली-७, प्रथम
संस्करण, सन् १९७८ । सूक्ति त्रिवेणी–सम्पादक-उपाध्याय अमरमुनिजी, सन्मति ज्ञानपीठ,
___ लोहामण्डी, आगरा-२, प्रथम प्रकाशन, सन् १९६८ । षड्दर्शन समुच्चय (टोका सहित)- भारतीय ज्ञानपीठ, देहली। षड्दर्शन समुच्चय :-आचार्य हरिभद्रसूरि (देखिए-श्री हरिभद्र सूरि
ग्रन्थ संग्रह)। श्वेताश्वेतरोपनिषद्-गीताप्रेस, गोरखपुर । । श्रीमद्देवचन्द्र-(भाग-१)-मंगोधक-आचार्य बुद्धिसागर सूरि, श्री
अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मण्डल, द्वितीय आवृत्ति, ई० स०
१९२९ । श्री जैनधर्म प्रकरण रत्नाार-योजक-आचार्य विजयरामसूरि, श्री
सुरेन्द्रसूरि जैन तत्त्व ज्ञान पाठशाला, अहमदाबाद, सन्

Page Navigation
1 ... 353 354 355 356 357 358 359