Book Title: Anandghan ka Rahasyavaad
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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आनन्दधन का रहस्यवाद ब्रह्मविद्योपनिषद्-गीताप्रेस, गोरखपुर । बृहदारण्यकोपनिषद्-गीताप्रेस, गोरखपुर । बहदारण्क ब्राह्मण-गीताप्रेम, गोरखपुर । बहद्रव्य-संग्रह-श्रीनेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, संशो०-५० मनोहरलाल
शास्त्री, श्रीपरमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र जैनशास्त्र
माला, अगास, तृतीय आवृत्ति, वि० सं० २०२२ । बौद्ध गान ओ दोहा-(बंगला में)-सम्पा०-हातोयान पं० हरप्रसाद
शास्त्री, बंगीय साहित्य परिषद्, कलकत्ता, द्वितीय मुद्रण, बंगाब्द
१३३८ । बौद्ध एवं गीता के प्राचार दर्शन के सन्दर्भ में, जैन आचार दर्शन का
तुलनात्मक अध्ययन-डा० सागरमल जैन । भगवती सूत्र-(व्याख्या प्रज्ञप्ति) - अभय देवसूरि कृत वृत्ति सहित,
श्री ऋषभदेवजी केशरमलजी जैन श्वेताम्बर संस्था, रतलाम,
द्वितीय संस्करण, सन् १९३९-१९४० । भक्तिकाव्य में रहस्यवाद-डा० रामनारायण पाण्डेय, नेशनल पब्लिशिंग
हाउस, दिल्ली-७, प्रथम संस्करण, १९६६ । भगवद्गीता-गीता प्रेस, गोरखपुर । भक्तामर स्तोत्र-रत्रचिना-मानतुंगाकारी (देखिर-श्री जैनधर्म प्रकरण
रत्नाकर)। भगवती सूत्र-(व्याख्या प्रज्ञप्ति-पंचम अंग-प्रथम खण्ड)-श्री सुधर्मा स्वामी,
श्री अभयदेवसूरिकृत विवरण सहित । अनु० एवं सं० - पं० बेचरदास जीवराज, श्री मनसुखलाल रवजी भाई मेहता, श्री जिनागम-प्रकाशक सभा, १०७ धनजी स्ट्रीट, बम्बई
वि० सं० १९७४। भारत की अन्तरात्मा-अनु० विश्वम्भरनाथ त्रिपाठी, १९५३ । भारतीय सस्कृति और साधना (द्वितीय ).-नहामहोपाध्याय डा०
गोपीनाथ कविराज, बिहार - राष्ट्र.. ' , पटना,
१९६४। भागवत् पुराण (द्वितीय खण्ड)-ले०-महर्षि वेदव्यास, मोतीलाल
जालान, गीता प्रेस, गोरखपुर, पंचम संस्करण, सं० २०२१ ।

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