Book Title: Anagar Dharmamrutam
Author(s): Ashadhar, Bansidhar Shastri, Manoharlal Shastri
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 4
________________ LANCY ANTRA निवेदन. इस ग्रंथके रचयिता श्रीमान् पंडितप्रवर आशाधरजी हैं। जिनका विस्तृत परिचय इस ग्रंथमालाके दूसरे ग्रंथ (सागारधर्मामृत) में दिया है। पाठकगण वहांसे देखलें। इसका संशोधन प्राचीन दो प्रतियोंसे किया गया है जो कि प्रायः शुद्ध थीं। उसमें भी यदि प्रमादवश अशुद्धियां रहगई हों तो पाठक महाशय मुझ अल्पज्ञपर क्षमा करेंगे ऐसी आशा करता हूं। जिन महाशयोंने प्रतियां भेजकर सहायता की है उनको कोटिशः धन्यवाद है। मिति ज्येष्ठ शुक्ला २ । वीरनिर्वाण सं. २४४५/ संशोधकपं० मनोहरलालशास्त्री जैन ठि० खत्तरगली हौदावाडी पो. गिरगांव, बंबई. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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