Book Title: Amurtta Chintan
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ अनुक्रम o i sin x i wg v ३ ४३ Go ५५ ७४ १३. अनुप्रेक्षा और भावना भावना अनित्य भावना अशरण भावना भव भावना एकत्व भावना अन्यत्व भावना अशौच भावना आस्रव भावना संवर भावना निर्जरा भावना १०. धर्म भावना ११. लोक संस्थान भावना १२. बोधि दुर्लभ भावना मैत्री भावना १४ प्रमोद भावना १५. करुणा भावना उपेक्षा भावना अनुप्रेक्षा कर्तव्यनिष्ठा अनुप्रेक्षा स्वावलम्बन अनुप्रेक्षा सत्य अनुप्रेक्षा समन्वय अनुप्रेक्षा संप्रदाय निरपेक्षता अनुप्रेक्षा मानवीय एकता अनुप्रेक्षा अध्यात्म और विज्ञान अनुप्रेक्षा मानसिक संतुलन अनुप्रेक्षा धैर्य अनुप्रेक्षा १०. प्रामाणिकता अनुप्रेक्षा ११. ऋजुता अनुप्रेक्षा ६ १०१ ० ii १११ १२० १२६ १३८ १४८ १५५ १५८ १७१ १८१ १८४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 274