Book Title: Ahimsa Digdarshan
Author(s): Vijaydharmsuri
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 137
________________ मांसाहारनिषेध के विषय में पाश्चात्य विद्वानों के अभिप्रायों का संग्रह । अंग्रेजी के प्रसिद्ध विश्वकोश इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में मांसाहारपरित्याग के विषय में जो कुछ लिखा है उसका सारांश नीचे दिया जाता है। “ मांसाहार परित्याग के लाभ अनेक बतलाये जाते हैं जिनमें प्रसिद्ध केवल ये ही हैं(१) स्वास्थ्यसम्बन्धी लाभ-जो लोग मांसाहार करते हैं संभव है कि उन्हें वे रोग पकडले जोकि उस पशुके शरीर में रहे हो जिसका मांस वे खाते हैं। इसके अतिरिक्त जो पशु अपने नैसर्गिक भोजन घासके अतिरिक्त और २ पदार्थ खाते हैं उनका मांस खानवाले बहुधा गठिया, वात, पक्षाघात प्रभृति वात-विकारोंसे उत्पन्न रोगों से आक्रान्त होते हैं। (२) अर्थशास्त्र सम्बन्धी लाभ-फलाहार की अपेक्षा मांसाहार अधिक खर्चीला होता है । जितने में दो चार आदमी खा सकते हैं मांसाहार की व्यवस्था करने से उतनेमें एक आदमीको भी पूरा नहीं पड़ेगा। सामाजिक लाभ-एक एकड़ भूमि में धान, गेहूं, आदि बोये जाँय तो उसमें उत्पन्न अन्नको जितने मनुष्य भोजन कर सकेंगे वही पैदावार यदि आहारोपयोगी पशुओंको खिला दी जाय

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