Book Title: Ahimsa Digdarshan
Author(s): Vijaydharmsuri
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 141
________________ ( 4 ) ( इस सूचना में तेरह हस्ताक्षर देखने में आते हैं। ) रोबर्ट बेल, एम, डी. जीयोर्ज ब्लेक, एम, बी, ( एडिन ) ए, जे, एच, केस्पी, एम, आर, सी एस. एच, एच, एस, डोरमन, एम, डी. ओगस्टस जोन्स्टन, एम, बी, आर, सी, एस. एच, वेलेन्टाइन, नेग्स, एम, आर, सी, एस. एल, आर, सी, पी. ओल्बर्ट प्रेसवेल, एम, ए, एम, डी. रोबर्ट, एच. पर्क्स, एम, डी, एफ, आर, सी, एस. वॉल्टर आर, हेडवेन, एम, डी, एल, आर, सी, पी, एम, आर, सी, एस. जे, स्टेन्सन हुकर एम, डी. ओफेड बोल्सेन, एम, डी. जोन रीड, एम. बी. सी. एम. ज्योर्ज बी, वोल्टर्स एम, डी. ( ६ ) प्रमाणभूत रसायन शास्त्रओं का ढंढोरा. उपर्युक्त ढंढोरे के उपरान्त एक दूसरा ढंढोरा सायन्टिस्टों का है जो कि अन्न, फल, वनस्पति के खोराक की लोगों में प्रचार करने की कोशिश करते हैं, क्याकि यह खोराक मजबूती और तन्दुरस्ती को देनेवाला तथा सस्ता भी है, यह सूचना इस तरह की है : O · लिये 'इन्टर - डिपार्टमेन्टल " प्रजाकी शारीरिक हानि की नोंधके कमेटी नियंत की थी, उसीकी रीपोर्ट में जो मत दिया है उसको हम लोग अनुमोदन देते हैं कि- शरीर के बन्धनों को बिनानेनाले बहुत कार्यों में

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