Book Title: Agam Yugka Jaindarshan Author(s): Dalsukh Malvania Publisher: Prakrit Bharti Academy View full book textPage 2
________________ भ० महावीर के हजार वर्ष बाद जैन दर्शन का जो विकास हुआ है उसकी चर्चा कई ग्रन्थों में विद्वानों ने की है। किन्तु भ० महावीर से लेकर हजार वर्ष में जैन दर्शन की जो विकास यात्रा हुई है उसका विवरण कहीं नहीं है। प्रस्तुत ग्रन्थ में प्रथम बार यहाँ जैन आगम युग के जैन दर्शन की चर्चा की है। भूमिका रूप से वेद से लेकर उपनिषद की दार्शनिक चर्चा की संक्षिप्त चर्चा है। और, भ० बद्ध महावीर के दृष्टिबिन्दु में क्या भेद है इसका भी विवरण दिया है। भ० बुद्ध के अव्याकृत प्रश्नों का व्याकरण भ० महावीर ने किस प्रकार किया और अनेकान्तवाद की किस प्रकार स्थापना की उसकी विस्तृत चर्चा प्रस्तुत ग्रन्थ में मिलेगी। . रु० १०० (सजिल्द) मूल्य: ०८० (अजिल्द) Jan Education Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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