Book Title: Agam 36 Vavahara Chheysutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उद्देसो- १ ५ (२३) भिक्खू य गणओ अवक्कम्प एगल्लविहारपडिमं उवसंपजित्ताणं विहरेज्जा से य इच्छेला दोघं पितमेण गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए पुणो आलोएना पुणो पडिक्कमेच्या पुणो छेय- परिहारस्स उवट्टाएजा ।२३।-22-R (२४) गणावच्छेइए व गणाओ अवकम्म एगल्लविहारपडिमं उवसंपरित्ताणं विहरेजा से य इच्छेजा दोचं पि तमेव गणं उवसंपञ्जित्ताणं विहरित्तए पुणो आलोएना पुणो पडिक्कमेचा पुणो छेय - परिहारस्स उबट्टाएजा । २४। -23 (२५) आयरिय-उवज्झाए व गणाओ अवक्कम्म एगल्लविहारपडिमं उपसंपरित्ताणं विहरेज्जा से य इच्छेजा दोघं पि तमेव गणं उवसंपत्तिाणं विहरितए पुणो आलोएज्जा पुणो पडिक्कमेना पुणो छेय- परिहारस्स उवट्टाएजा ।२५।-24 (२६) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म पासत्यविहारं विहरेशा से य इच्छेजा दोघं पि तमेव गणं उपसंपचित्ताणं बिहरित अत्थियाई त्य केइ सेसे पुणो आलोएआ पुणो पडिक्कम्भेज्जा पुणो छेय- परिहारस्स उवडाएजा २६/-26 (२७) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म अहाछंदविहारं विहरेज्जा से य इच्छेजा दोघं पि तमेव गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए अत्वियाई त्य केइ सेसे पुणो आलोएआ पुणो पडिक्कमेचा पुणो छेय- परिहारस्स उवट्ठाएजा । २७ -28 (२८) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्प कुसीलविहारं विहरेज्जा से य इच्छेजा दोघं पि तमेव गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए अत्थियाई त्य केइ सेसे पुणो आलोएख पुणो पडिक्कपेज्जा पुणो छेय- परिहारस्स उवठ्ठाएजा 12८1-27 (२९) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म ओसन्नविहारं विहरेज्जा से य इच्छेखा दोच्चं पि तमेव गणं उवसंपञ्जित्ताणं विहरित्तए अत्थियाई स्थ केइ सेसे पुणो आलोएझा पुणो पडिक्कमेचा पुणो छेय- परिहारस्स उवट्टाएजा । २९।-28 (३०) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म संसत्तविहारं विहरेज्जा से य इच्छेजा दोघं पि तमेच गणं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए अत्थियाई थ केइ सेसे पुणो आलोएञ्जा पुणो पडिक्कमेचा पुणो छेय- परिहारस्स उचट्ठाएजा । ३०1-29 (३१) भिक्खू य गणाओ अवक्कम्म परपासंडपडिपं उवसंपजिताणं विहरेज्जा से य इच्छेजा दोघं पितमेव गणं उवसंपचित्ताणं विहरित्तए नत्थि णं तस्स तम्पत्तियं केइ छेए वा परिहारे वा नष्णत्य एगाए आलोयणाए । ३११-30 (३२) भिक्खू य गणाओ अवक्क्म्म ओहावेजा से य इच्छेजा दोच्चं पि तमेव गणं उबसंपजित्ताणं विहरित्तए नत्थि णं तस्स केइ तप्पत्तियं छेए वा परिहारे या नण्णत्य एगाए सेहो - बट्टावणियाए । ३२।-31 (२३) भिक्खू य अण्णयरं अकिद्वाणं सेवित्ता इच्छेजा आलोएत्तए जत्थेव अप्पणी आयरिय-उवज्झाए पासेज्जा तेसंतियं आलोएञ्जा पडिक्कमेज्जा निंदेज्जा गरहेज्जा विउट्टेज्जा विसोहेजा अकरणपाए अब्युजा अहारिहं तवोकम्पं पायच्छितं पडिवजेज्जा । ३३ ।-32 (३४) नो चेव अप्पणो आयरिय-उवज्झाए पासेज्जा जत्थेव संभोइयं साहम्मियं पासेजा बहुस्सुयं बभागमं तस्संतियं आलोएजा जाव पायच्छितं पडिवज्जेज्जा नो चेव संमोइयं साहम्मियं बहुस्सुयं बभागमं पासेज्जा जत्थेव अण्णसंभोइयं साहम्मियंपासेज्जा बहुस्सुयं बढमागमं तस्संतियं For Private And Personal Use Only

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