Book Title: Agam 36 Vavahara Chheysutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उद्देसो-३ वियरेज्जा एवं से नो कप्पइ गणं धारेत्तए जण्णं थेरेहिं अविइण्णं गणं धारेजा से संतरा छेओ का परिहारो वा १२2 (६८) तिवासपरियाए समणे निगंधे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पत्रत्तिकुसले संगहकुसले उग्गहकुसले अक्खयापारे असबलायारे अभिन्नायारे असंकि लिट्ठायारे चहुस्सुए बडभागमे जहणेणं आयारपकप्पधरे कप्पड़ उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए । ३ 1-3 (६९) स चैव णं से तिवासपरियाए सपणे निग्गंधे नो आचारकुसले नो संजमकुसले नो पवणकुसले नो पत्रत्तिकुसले नो संगहकुसले नो उबग्गहकुसले खयायारे सबलायारे भिन्नायारे संकिलिट्ठायारे अप्पसुए अप्पगमे नो कम्पइ उवज्झायत्ताए उद्दित्तिए । ४ । 4 (७०) पंचवासपरियाए समणे निग्गंथे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पत्रत्तिकुसले संग कुसले उग्गहुसले अक्खयायारे असबलायारे अभित्रायारे असंकिलिट्ठायारे बहुस्सुए वय्भगमे जहण्णेणं दसा-कप्प-ववहारधरे कप्पड़ आयरिय उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए 141-5 (१) स य णं से पंचवासपरियाए समणे निग्गंथे नो आयरकुसले नो संजमकुसले नो पवयणकुसले नो पनत्तिकुसले नो संग्रहकुसते नो उव्वगहकुसले खयायारे सबलायारे भित्रायारे संकिलिङ्गबारे अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ आयरिय-उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए । ६/-6 ( ७२ ) अट्ठवासपरियाए समणे निग्गंधे आयारकुसले संजमकुसले पवयणकुसले पनत्तिकुसले संगह्रकुसले उवग्गहकुसले अक्खयायारे असवलायारे अभिन्नायारे असंकितिट्ठायारे बहुस्सुए बबमागमे जहण्णेणं ठाण-समचायधरे कप्पइ आयरियताए उवज्झायत्ताए पवत्तित्ताए थेरत्ताए गणित्ताए गणाचच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए । ७1-7 (७५) सोय णं से अट्ठवासपरियाए समणे निग्गंथे नो आचारकुसले नो संजमकुसले नो पवणकुसले नो पत्रत्तिकुसले नो संगहकुसले नो उवग्गहकुसले खयारे सबलायारे भित्रायारे संकिलिङ्कायारे अप्पसुए अप्पागमे नो कप्पइ आयरियत्ताए जाव गणावच्छेइयत्ताए उद्दिसित्तए । ८ -४ (७४) निरुद्धपरियाए समणे निग्गंथे कप्पइ तद्दिवसं आयरियउवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए से किमाहु भंते अत्यि णं थेराणं तहारूवाणि कुलाणि कडाणि पत्तियाणि जाणि बेसासियाणि संमयाणि सम्मुइकराणि अनुमयाणि बहुमयाणि भवंति तेहिं कडेहिं तेहिं पत्तिएहिं तेहिं येज्जेर्हि तेहि सासिएहिं तेहिं संमएहिं तेहिं सम्मुइकरेहिं जं से निरुद्धपरियाए समणे निग्गंथे कप्पड़ आयरियउवज्झायत्ताए उद्दित्तिए तद्दिवसं ॥९॥-9 (७५) निरुद्धयासपरियाए समणे निग्गंथे कप्पइ आयरिय उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए समुच्छेयकप्पंसि तस्स णं आयारपकप्पस्स देसे अहिजिए देसे नो अहिज्जिए से य अहिजिस्सामि ति अहिज्जइ एवं से कप्पइ आयरिय उवज्झायत्ताए उद्दिसित्तए से य अहिजिस्सामि त्ति नो अहिज्जइ एवं से नो कप्पइ आयरिय-उवज्झायत्ताए उद्दित्तिए 1901-10 (७६) निम्गंधस्स णं नवडहरतरुणस्स आयरिय-उवज्झाए वीसंभेजा नो से कप्पइ अणायरियउवज्झायरस होत्तए कम्पड़ से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ पच्छा उवज्झायं से किमाहु भंते दुसंगहिए समणे निग्गंधे तं जहा-आयरिएणं उवज्झाएण य 1991-11 (७७) निग्गंथीए णं नवडहरतरुणीए आयरिय-उवज्झाए पवत्तणी य वीसंमेजा नो से कप्पइ अणायरियउवञ्झाइयाए अपवत्तणीए य होत्तए कप्पर से पुव्वं आयरियं उद्दिसावेत्ता तओ पच्छा उवज्झायं तओ पच्छा पवत्तिणि से किमाहु मंते तिसंगहिया समणी निग्गंथी तं जहा For Private And Personal Use Only


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