Book Title: Agam 36 Vavahara Chheysutt 03 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 28
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गदेतो २३ (२३) सागारियस्स गंधियसाला साहारणवक्कयपउत्ता तम्हा दावए नो से कप्पड़ पडिगाहेत्तए।२९।-29 (२३२) सागारियस्स गंधियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता तम्हा दावए एवं से कप्पड़ पडिगाहेत्तए।३०1-30 (२३३) सागारिपस्स ओसहीओसंयडाओ तम्हा दावे नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।३१।-31 (२३४) सागारियस्सओसहीओअसंथडाओतम्हादायएएवंसेकप्पइपडिगाहेत्तए।३२॥32 (२५) सागारियस्स अंबफला संघडा तम्हा दायए नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए ।३३।-33 (२३६) सागारियस्स अंबफला असंथडातम्हा दायए एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।३४.34 (२३७) सत्तसतमिया णं भिक्खुपडिमा एगूणपत्राए राइदिएहि एगेण छन्नउएणं भिक्खासएणं अहासुत्तं अहाकपं अहामागं अहातचं सप्पं कारण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ ।३५1-25 (२३८) अट्ठअडपिया णं भिक्खुपडिमा चउसठ्ठीए राइदिएहिं दोहि य अट्ठसीएहिं भिक्खासएहिं अहासुतं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।३६/-38 (२३९) नवनवनिया णं भिक्खुपडिमा एगासीए राइदिएहिं चउहिं य पंचुत्तरेहि भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामार्ग अहातनं समं कारण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टियाआणाए अनुपालिया भवइ ३७1-37 (२४०) दसदसमिया णं भिक्खुपडिमा एगेणं राइंदियसएणं अद्धछडेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाएअनुपालिया मवइ ।३८1-38 (२४१) दोपडिमाओ पत्रत्ताओतंजहा-खुड्डिया चेव मोयपडिमा महल्लिया चेव मोयपडिमा ३९।-39 (२४२) खुड्डियाण्णं मोयपडिमं पडिवनस्स अणगारस्स कप्पड़ से पढमसरदकालसमयंसि वा चरिमनिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा वर्णसि वा वणविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्ययविदुग्गंसि वा मोच्या आरुमइ चोदसमेणं पारेइ अमोचा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ जाए मोए आईयव्ये दिया आगच्छइ आईयवे राइं आगच्छइनो आईयब्वे सपाणे आगच्छड़ नो आईयव्ये अप्पाणे आगच्छइ आईयव्वे सबीए आगच्छइ नो आईयब्वे अबीए आगच्छइ आईपव्वे ससणिद्धे आगच्छइ नो आईयचे अससणिद्धे आगच्छइ आईयब्वे ससरक्खे आगच्छइ नो आईयव्ये अससरक्खे आगच्छइ आईयव्ये जाए मोए आईयव्वे तं जहा-अप्पे वा बहुए वा एवं खलु एसा खुड्डिया मोयपडिमा अहासुत्तं अहकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं काएण फासिया पलिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए] अनुपालिया भवइ १४०।-40 (२४३) महल्लियणं मोयपडिम पडियत्रस्स अणगाररस कप्पड से पढमसरदकालसमयंसि वा चरिमनिदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा वणंसि वा यणविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्ययविदुग्गंसि वा मोचा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ अमोच्चा आरुभइ अद्वारसमेणं पारेइ जाए मोए आईयब्बे दिया आगच्छइ आईयव्ये राइं आगच्छइ नो आईयब्वे सपाणे आगच्छइ नो आईयव्ये अप्पाणे आगच्छइ आईयब्वे सबीए आगच्छइ नो आईयव्ये For Private And Personal Use Only

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