Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 05 Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay Publisher: Atmanand Jain Sabha View full book textPage 5
________________ ॐ वन्दन प्रातः स्मरणीय...! गुणगुरु पुण्यधाम मुनिवर्य श्री चतुरविजयजी महाराजनुं हार्दिक पूजन...! आत्मानंद जैन ग्रंथमालानां प्राणपूरक, शास्त्रलेखन-संशोधनसंयोजनमां सदा अप्रमत्त, अनेक विशिष्ठ जैन ज्ञानभंडारोनो उद्धार करनार, निशीथ सूत्र चूर्णि, कल्पचूर्णि, मलयगिरी व्याकरण, देवभद्रसूरिकृत कथारत्नकोष, वसुदेवहिंडी बीजो खंड, जेवा अनेक प्रसादभुत ग्रंथोना संशोधन करीने आपणी समक्ष आदर्श अर्पनार, प्रभावक पुनित, गुरुवर...! श्री चतुरविजयजी महाराजना पवित्र चरणोनो दास...! Jain Education International ओश्रीनी साहित्य सेवामां सदानो सहचर मुनि पुण्यविजय For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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