Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 05
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 15
________________ १२ ॥ अहम् ॥ चतुर्थोद्देशकप्रकृतानामनुक्रमः। oc WW0 सूत्रम् प्रकृतनाम अनुद्घातिकप्रकृतम् पाराश्चिकप्रकृतम् अनवस्थाप्यप्रकृतम् ४-९ प्रजाजनादिप्रकृतम् १०-११ वाचनाप्रकृतम् १२-१३ संज्ञाप्यप्रकृतम् १४-१५ ग्लानप्रकृतम् १६-१७ कालक्षेत्रातिकान्त प्रकृतम् १८ अनेषणीयप्रकृतम् कल्पस्थिताकल्पस्थितप्रकृतम् पृष्ठम् सूत्रम् प्रकृतनाम पृष्ठम् १३०७ २०-२८ गणान्तरोपसम्पत्प्रकृतम् १४२४ १३२९ २९ विध्वम्भवनप्रकृतम् १४५८ १३४९ ३० अधिकरणप्रकृतम् १४७३ परिहारिकप्रकृतम् १४८० ३२-३३ महानदीप्रकृतम् १४८७ १३८४ ३४-३७ उपाश्रयविधिप्रकृतम् १४९८ १३९२ १ प्रकृतमिदं उपसम्पत्प्रकृतम् इत्यनेन १३९९ नानाऽप्युच्येत ॥ १४१२ २ अत्र मूले यद्यपि उपाश्रयप्रकृतम् इति मुद्रितं तथापि तत्र उपाश्रयविधिप्रकृतम् इति १४१७ ज्ञेयम् ॥ w - पञ्चमोद्देशकप्रकृतानामनुक्रमः। पृष्ठम् सूत्रम् १-४ प्रकृतनाम ब्रह्मापायप्रकृतम् अधिकरणप्रकृतम् संस्तृतनिर्विचिकित्सप्रकृतम् उद्गारप्रकृतम् आहारविधिप्रकृतम् पृष्ठम् । सूत्रम् प्रकृतनाम १५०३ १२ पानकविधिप्रकृतम् १५१३ १३-३६ ब्रह्मरक्षाप्रकृतम् |३७ मोकप्रकृतम् १५२४ ३८-४० परिवासितप्रकृतम् १५३७ ४१ व्यवहारप्रकृतम् १५४६ ४२ पुलाकभक्तप्रकृतम् १५५५ १५६० १५७८ १५८३ १५९२ १५९५ - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 340