Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 5
________________ - - - साल mewww लाल वन्दन TH अखंडत्यागमूर्ति जे महापुरुषना परोक्ष अमीमय आशीर्वादना प्रभावे अमे अमारी श्री आत्मानन्द जैन ग्रन्थरत्नमालाने विशिष्ट अने विविध साहित्य प्रकाशन द्वारा दिन प्रतिदिन उन्नतिने शिखरे लइ जइ शक्या छीए तेम ज बृहत्कल्प जेवा अतिमान्य आगमग्रन्थने विद्वानोना करकमलमा अर्पण करवा भाग्यशाळी थया छीए ए जगन्मान्य परमपवित्र स्वर्गवासी गुरुदेव श्री १००८ श्री विजयानन्दसूरिवरना पुनित पादपंकजमा अमाझं कोटिशः वन्दन हो. । Alibailai SHAIL Minission निवेदक - चरणसेवको मुनि चतुरविजय अने पुण्यविजय. eN.. - -

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