Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 01 Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay Publisher: Atmanand Jain SabhaPage 11
________________ श० उ० शतक उद्देश श्रु० अ० उ० श्रुतस्कन्ध अध्ययन उद्देश सि० । सिद्धहेमशब्दानुशासन सिद्ध हैमाने० द्विख० हैमानेकार्थसङ्ग्रह द्विस्वरकाण्ड यत्र टीकाकृद्भिर्ग्रन्थाभिधानादिकं निर्दिष्टं स्यात् तत्रास्माभिरुल्लिखितं श्रुतम्कन्ध-अध्ययन-उद्देश-गाथादिकं स्थानं तत्तद्न्थसत्कं ज्ञेयम् , यथा पृष्ठ १५ पं० ९ इत्यादि । यत्र च तन्नोलिखितं भवेत् तत्र सूचितमुद्देशादिकं स्थानमेतन्मुद्यमाणबृहत्कल्पग्रन्थसत्कमेव ज्ञेयम् , यथा पृष्ठ २ पंक्ति २-३-४, पृ० -५ पं० ३, पृ० ८ पं० २७, पृ० ११ पं० २७, पृ० ६७ पं० १२ इत्यादि । प्रमाणत्वेनोद्धृतानां प्रमाणानां स्थानदर्शक ग्रन्थानां प्रतिकृतयः। रतलाम श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था । शेठ देवचन्द्र लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड । आगमोदय समिति। रतलाम श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था । आगमोदय समिति । अनुयोगद्वारसूत्र चूर्णीअनुयोगद्वारसूत्र सटीकआचारागसूत्र सटीकआवश्यकसूत्र चूर्णीआवश्यकसूत्र सटीक (श्रीमलयगिरिकृत टीका)। आवश्यकसूत्र सटीक (आचार्य श्रीहरिभद्रकृत टीका)। आवश्यक नियुक्तिओघनियुक्ति सटीककल्पचूर्णिकल्पबृहद्भाप्यकल्पविशेषचूर्णिकल्प-व्यवहार-निशीथसूत्राणि आगमोदय समिति। आगमोदय समिति प्रकाशित हारिभद्रीय टीकागत । आगमोदय समिति हस्तलिखित । जैनसाहित्यसंशोधक समिति । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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