Book Title: Agam 35 Bruhatkalpa Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
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आगम सूत्र ३५, छेदसूत्र-२, 'बृहत्कल्प'
उद्देशक/सूत्र करके गमन करना कल्पे । सूत्र - १०३
साधु-साध्वी को प्रातिहारिक (परत करने को योग्य) या सागारिक (शय्यातर) के शय्यासंथारा यदि गुम हो जाए तो उसे ढूँढ़ना चाहिए, यदि मिल जाए तो जिसका हो उसे परत करना चाहिए, यदि न मिले तो फिर से आज्ञा लेकर दूसरा शय्या-संथारा ग्रहण करके इस्तमाल करना चाहिए। सूत्र- १०४
जिस दिन श्रमण-साधु, शय्या-संथारा छोड़कर विहार करे उसी दिन से या तब दूसरे श्रमण-साधु आ जाए तो पूर्वगृहित आज्ञा से शय्या संथारा ग्रहण कर सकते हैं । क्योंकि अवग्रह गीले हाथ की रेखा सूख जाए तब तक होता है। सूत्र-१०५
यदि उस उपाश्रय में साधु-साध्वी जरुरी अचित्त चीज भूल गए या छोड़ गए हो (नए आनेवाले साधुसाध्वी) पूर्वगृहीत आज्ञा से ग्रहण कर सकते हैं, क्योंकि अवग्रह नीले हाथ की रेखा सूख जाए तब तक होता है। सूत्र - १०६-१०७
जो घर इस्तमाल में न लिया जा रहा हो, अनेक स्वामी में से किसी एक स्वामी ने खुद के आधीन न किया हो, किसी व्यक्ति के द्वारा परिगृहीत न हो या किसी यक्ष-देव आदि ने वहाँ निवास किया हो उस घर का पहला जो मालिक हो उसकी आज्ञा लेकर वहाँ (साधु-साध्वी) रह सकते हैं, (उससे विपरीत) यदि वो घर काम में लिया जाता हो, एक स्वामी हो, अन्य से परिगृहीत हो तो भिक्षुभाव से आए हुए दूसरे साधु को दूसरी बार आज्ञा लेनी चाहिए। क्योंकि अवग्रह गीले हाथ की रेखा सूख जाए तब तक है। सूत्र-१०८
घर-दीवार किला और नगर मध्य का मार्ग, खाई, रास्ता या झाड़ी के पास स्थान ग्रहण करना हो तो उसके स्वामी और राजा की पूर्व अनुज्ञा है। यानि साधु-साध्वी आज्ञा लिए बिना वहाँ रह सकते हैं। सूत्र - १०९
गाँव यावत् पाटनगर के बाहर शत्रुसेना दल देखकर साधु-साध्वी को उसी दिन से वापस आना कल्पे लेकिन बाहर रहना न कल्पे, जो साधु-साध्वी बाहर रात्रि रहे, रहने का कहे, कहनेवाले की अनुमोदना करे तो जिनाज्ञा और राजाज्ञा का उल्लंघन करते हुए अनुद्घातिक चातुर्मासिक परिहारस्थान प्रायश्चित्त को प्राप्त करते हैं। सूत्र-११०
गाँव यावत् संनिवेश में पाँच कोश का अवग्रह ग्रहण करना कल्पे । भिक्षा आदि के लिए ढ़ाई कोश जाने के - ढ़ाई कोश आने का कल्पे ।
उद्देशक-३-का मुनि दीपरत्नसागर कृत् हिन्दी अनुवाद पूर्ण
मुनि दीपरत्नसागर कृत् "(बृहत्कल्प)" आगम सूत्र-हिन्दी अनुवाद"
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