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| पिण्डवायपडियाए निक्खमइ वा पविसइ वा निक्खमन्तं वा पविसन्तं वा साइज्जइ तं०-कोडागारसालाणि वा भण्डागारसालाणि वा पाणसालाणिवा खीरसा० वा गञ्जसा वा महाणससा० वा०'४२'जे भिक्खूरपणो जाव मुद्धाभिसित्ताणं अइगच्छमाणाण वा निग्गच्छमाणाण वा. '४८८० इत्थीओ सव्वालंकारविभूसियाओ पदभवि चक्खुदंसणपडियाए गच्छइ वा अभिसंधारे वा गच्छन्तं वा अभिसंधारेन्तं वा सा०९० मंसखायाण वा मच्छखा० वा छविखा० बहिया निग्गयाणं असणं वा जाव साइज्जड़१०० अन्त्यरं उववूहणीयं समीहियं पेहाए तीसे परिसाए अणुट्ठियाए अभिनाए अव्वोच्छिन्नाए जे तं अन्नं पडिगाहेइ | पडिगाहेन्तं वा साइज्जइ, अह पुण एवं जाणेज्जा 'इहऽज्ज राया खत्तिए परिवुसिए' जे भिक्खू ताए गिहाए ताए पएसाए ताए उवासन्तराए वा विहारं वा रेइ सज्झायं वा जाव कहतं वा सा० '६१।११। जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं जाव अभिसित्ताणं बहिया जत्तासंठियाणं असणंवा० पडिगाहेइ पडिगाहंतवासा०।१२ बहियाजत्तापडिणियत्ताणं०१३ एवं नईजत्तापट्ठियाणं०।१४० पडिणियत्ताणं०११५० गिरिजत्तापट्ठियाणं०१६० गिरिजत्तापडिणियत्ताणं०१७/० महाभिसेयंसि वट्टमाणसि निक्खमइ वा | पविसइ वा निक्खमंतं वा पविसंतं वा सा० ९०११८ जे भिक्खू जाव अभिसित्ताणं इमाओ दस आभिसेक्काओ रायहाणीओ उद्दिवाओ गणियाओ वञ्जियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा निक्खमइ वा पविसइ वा निक्खमन्तं वा पविसन्तं वा साइज्जइ तंजहा-चभ्या महरा वाणारसी सावत्थी साएयं कंपिल्लं कोसंबी मिहिला हथिणापुरं रायगिह १००।१९ जे भिक्खू ॥ श्री निशीथसूत्रं ॥
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पू. सागरजी म. संशोधित
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