Book Title: Agam 25 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Kappo Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 14
________________ ५७२ कप्पो पडिग्गाहित्तए ।। १६. सागारियस्स आहडिया सागारिएण अपडिग्गाहिया', तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए॥ २०. सागारियस्स नीहडिया परेण अपडिग्गाहिया, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गा हित्तए । २१. सागारियस्स नीहडिया परेण पडिग्गाहिया, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गा हित्तए । २२. सागारियस्स अंसियाओ अविभत्ताओ अव्वोच्छिन्नाओ अव्वोगडाओ अनिज्जूढाओ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गा हित्तए ।। २३. सागारियस्स अंसियाओ विभत्ताओ वोच्छिन्नाओ योगडाओ निज्जूढाओ, तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए । २४ सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाइडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निदिए निसठे पाडिहारिए, ते सागारिओ देइ सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गा हित्तए । २५. सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्ठिए निसठे पाडिहारिए, तं नो सागारिओ देइ नो सागारियस्स परिजणो देइ ___सागारियस्स पूया देइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए । २६. सागारियरस पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्ठिए निसठे अपाडिहारिए, तं सागारिओ देइ सागारियस्स परिजणो देइ, तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए । २७. सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निट्टिए निसठे अपाडिहारिए, तं नो सागारिओ देइ, नो सागारियस्स परिजणो देइ सागारियस्स पूया देइ तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहितए । वत्थ-पदं २८. कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा 'इमाइं पंच" वत्थाई धारित्तए वा परिहरित्तए वा, तं जहा-जंगिए, भंगिए, साणए 'पोत्तए तिरीडपट्टे" नाम पंचमे ॥ रयहरण-पदं २६. कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाई पंच रयहरणाई धारित्तए वा परिह १. अपडिग्गाहित्ता (जी, शु)। २. देज्जा (ग, पु); दद्यात् (म)। ३. पंचिमाणि (क, ख, ग)। ४. पोत्तिए तिरीडपट्टए (ठाणं ५।१९०)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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