Book Title: Agam 25 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Kappo Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 24
________________ ५८२ वित्ता अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए?" कप्पइ आयरिय-उवज्झायस्स आयरिय-उवज्झायत्तं निक्खिवित्ता अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उवसंपज्जिताणं वित्तिए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । ते य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से नो वियरेज्जा, एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए || १६. भिक्खु य गणाओ अवक्कम्म इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडिवाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । ते य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से नो वियरेज्जा, एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए जत्थुत्तरियं धम्मविणयं नो लभेज्जा, एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्त ॥ २०. गणावच्छेइए य गणाओ अवक्कम्म इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो कप्पर गणावच्छेइयस्स' गणावच्छेइयत्तं अनिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए कप्पइ गणावच्छेइयस्स गावच्छेइयत्तं निक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरिसए । नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गर्भ संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंगज्जित्ताणं विहरित्तए । ते य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोग डियाए उवसंपज्जिताणं विहरितए, ते य से नो वियरेज्जा, एवं से नो कप्पद अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरितए । जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरितए; जत्थुत्तरियं धम्मविणयं नो लभेज्जा, एवं से नो कप्पइ अष्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जिताणं विहरितए || कप्पो २१. आयरिय-उवज्झाए य गणाओ अवक्कम्भ इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंज्जित्ताणं विहरित्तए, न कप्पइ 'आयरिय-उवज्झायस्स" आयरिय १. x (पु) 1 २. नो से (पु) 1 ३. × (पु) । Jain Education International ४. नो से (पु) 1 ५. x (पु) । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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