Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Puffiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
६४०
१०८८२
तेया (तेजा ) ज ७।१२०१२ तेयाल ( त्रिचत्वारिंशत् ) ज १।२३ तेयालीस ( त्रिचत्वारिंशत् ) सू १०/१५६ तेयासमुग्धाय (+जससमुद्घात ) प ३६११, ५, ७, ४० तो (तुण ) प ३१३१,३५,१७८ ज ३१३१,३५.
तेहिय ( व्याहिक) ज २०६ तो ( ततस् ) प २२७३ तोट्ठ (दे० ) प ११५१
तेयासरीर (तैजसशरीर ) प २११८४ से ६३
१७८ उ ११३८
तेयाहिय ( त्र्याहिक) ज २१४३
तेरस (त्रयोदशन् ) प ३६।८१ ज १७ सू १।१४ तेरसक (त्रयोदशक ) सू १३३१२,१३,१७ तेरसम ( त्रयोदश ) प १० | १४ | ३ सु १० ७७; १३।१०
तोमर (तोमर) ज ३३५,१७८ तोयधारा (तायधारा ) ज ५४१११,६३,६४ तोरण (तोरण ) प २१,३०,३१,४१ ज ११३७ २।१५,२०,३७,१७८, १६५,४५, २३, २७ से ३०, ३५, ३७, ३८, ४०, ४२, ६५, ६७,७१,७३, ७५,७७,६० से ६२,६४, ११८, १२८, १४४, १७४,१८३,१८६,१६५,२२१,२४६ : ५१३१ त्ति (इति) प १११ चं १४ स्थिभंग (स्तिभक ) प ११४८।१
रिथमिय ( स्तिमित) ज ११२,२६,३१,३,१८,३१, १८० चं ६ सू १।१ उ १११,६, २८, ३।१५७; ५१२४
त्थिहु ( स्तिभु ) प ११४८१
तेरसविह (त्रयोदशविध ) प १६ | ७ तेरसी (त्रयोदशी) ज २२८८७ १२५ तेरिच्छिय (तैरश्चिक ) प २०१६१ ज ३६२,११६ तेलापूर (तैलापूप ) प ३६।८१ ज १३७ सू १/४ तेलोक्क (त्रैलोक्य) प १|१|१३ । १२५ से १७३, १७५,१७७
तेल्ल (ल) प ११०११७,१५।१।२; १५।५०
ज ३।११।३, ५११४ उ ३११३० तेल्लकेला (तलकेला ) उ ३११२८ तेल्लसमुग्ग ( समुद्ग ) ज ५१५५ तेल्लसमुग्गहयगय ( हस्तगत तैलसमुद्ग ) ज ३।११ तेल्लोक (त्रैलोक्य) उ५१५
तेवट्ठ (त्रिपष्टि ) ज ७ २० २/३
तेवट्ठि (त्रिषष्टि) ज २२६४
तेवण्ण (त्रिपञ्चाशत् ) प ४।१३४ ज ४१६२
सू १११३
तेवर्त्तार ( त्रिसप्तति ) ज २४
तेवीस ( त्रिविशति ) प २१४६ ज २।१२५ सू २/३ तेवीस (त्रिविशतितम) प १०३१४१३
तेवीसइम (त्रिविशतितम ) प १०१४१२ तेवीसतिम (त्रिविशतितम) सू १२।१६ तेसट्ठि (त्रिषष्टि) ज ७।३३ तेसीइ ( व्यशीति) ज २१६४ तेसीत ( त्र्यशीति) सू ११२३ सीति (यशीति) सु ११२३ तेसीय (व्यशीनि ) मू ११४
Jain Education International
तेया धणिय कुमार
थ
थंभणया ( स्तम्भन ) प १६५३
थं भय ( स्तम्भिन ) प २१३०, ३१, ४१, ४६ ज ३३६,
२२२:५१२१,२८
/ थक्कार (दे० ) थक्कारेति ज ५।५७
ण (स्व) ज २११५:३११३८ उ ३।१८,१३०,
४६
गंतर (स्वनकान्तर) उ४४२१
थणपाय ( स्तपाय ) उ ३।१३०
थणभूल ( स्तनमूल) उ ३३६८
यणित ( स्वनित) सू २०११
णिय ( स्तति ) प २२३०११,२१४०१२, ८, १० ज ५।२२
यणियकुमार ( स्तनितकुमार ) प ११३१,४।५५;
५१३,८,५१,६।१८,५२,६१,८१,८५,१०२,१०९, ११४; ७/३८२३,६१३, १५, ११/४४; १२२, १६,१३।१५; १५।१६,७१,७८,८४,१३६,
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414