Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Puffiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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दधि-दव्वीकर
दधि ( द )
४११२५:४६२१०।१२०
२१८
पण (दर्पण) व ३१२१७६४१२८ २३५८ दप्पणिज्ज (दर्पणी ) प १७ १३४ दप्पिय ( दर्पित) ज ३१२४; ७१३८ दम्भ (दर्भ ) ज ७११३२२ २१५१५६ ११.००
पुष्क (द)
संचार (स्वर) २२०३३,५४,६३, ७१.८४, १३७,१६७,१०२३४४४३
दभसंधारण (दस्तारक) व ३१२०,३३,५४, ६२,०१,६४,१३७.१४१,१९६
भयाण (दान) १०१११२ दरग (द) १४४४३५२ दावृक्ष शेणलता
दमणगड (क) दमण (द) १
दमिल (वि) प
दमिली (वि) ज ३।१११२ दरि (दर) २३८३१८१०१
४१०७
दरित (दविहुल) ११६ दरिय] (दुष्त ) २ १२:३०३४ परिणावरण (प) २२४२०६
२३।१४,२६२६४७२७४ दरिसणिज्ज (दर्शनी : २१३०,३१,४१,४८,
४९, ५६.६३.६४ ९४.२३.३६ ४२.२।१२. १४, १५:३१९७८४३२.१३,२५.२७,२६,
३३,४१,११६,१२८४३.६२ ११५४
से ६
दरी (दरी) उ ३१५९
बल (दाल) २०१५ ११०२१०१ दलइत्ता ( दत्वा ) ज
४१२६
१६४९१.५४४६ १११०२.२०११४ दल ि५५० ६लयह
११०२११०३:३।११२
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दलयानो उ ४|१
दलयित्ता ( दत्वा ) ३८८
दलिय ( दलिक) ज ३०३५
(च)
२२४१
दवार (द्रवकारक ) ज ३।१७८
Exa
द (द्रव्य ) प १११०११६ : ३२१२४, १७७, १७८ १०१५: १११४७,५३,५५,४७,५६,७० से ७३,७६ से ८५, १५०५७,१६।५०,२१११।१,२१।२२:
२२।१३,१५,१७,११,८०८२२८१५
३५।१।१ उ ११४०
दव्यओ (व्यतम् ) १ ११०४०, ४११२७,१०: २६१५,५१३५१४, ५ ज २२६६
दबजाय (जस) ज २२६१
बच्चड (द्रव्यार्थ ) प ३११६ से १२०,१२२,
१७६ से १८२; १०३ से ५,२६ से २६; १७।१४४ से १४६:२१०१०४ दव्यता (द्रव्यार्थ ) प ३।११६ ग्रे ११८ दव्या (व्या) प ३३११४,११६.१२०,१२२,
१७९ मे १८२५५, ७, १२, १४, १६, १८, २०, २४, २८, ३०, ३२, ३४,३७,४१,४५, ४९, ५३, ५६,५६,६३,६८,७१,७४,७८,८३,८६,८१, १३,६७,१०१, १०४, १०७,१११, ११५, ११६, १२९,१३१,१३४,१३६,१३८, १४०, १४३, १४५० १४७, १५०,१५४,१६३, १६६,१६६,१७२. १७४, १७७,१८१,१०४, १०७, ११०, १९३, १६७,२००,२०३, २०७, २११,२१४,२१८, २२१,२२४,२२६,२३०,२३२,२३४, २३७, २३६,२४२; १०१३ से ५,२६ से २६, १७।१४४ से १४६ ; २१।१०४ ज ७।२०६ ३ ३१४४
हरिया (हलिका) प १४७ बिपि १५५० २,१५७६ से
८४,८६,११,६४ से १७,१००, १०४ से १०६. १०८,१०६,११४,११५,११७ से १२०,१२३, १३१,१३२. १४०, १४२, १४३ दवी (दार्थी ) प ११४४२ दारुहरिया दल्लीकर (दवकर ) प १२६६,७०
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