Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Puffiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
१०२४
रम (रम्) रमंति ज १११३,३०,३३३३७४१२
रमंत ( रममाण ) ज ३११७८
रमण ( रमण ) ज ३|१३८ रमणि ( रमणी)
२०३१,४० से ५१.६३३ १७ १०७, १०२ १११ १.१३.२१,२५,२६, २८,२६.३२.३३.३०, ३७, ३२४०, ४२, ४६; २३,१०,१४,१८,४२,५६,५७,१२२, १२७ १४७,१५०,१५६,१५,१६१.१६४३१२,८१ १९२, १९३,११६,११७,२२२४१२.३.०९.११. १२.११,३२,४६,४६,४७, ४९, ५०, ५६,५८,५६, ६३,६१,७०,६२,८७,८८,१००,१०४,१०६. १११, ११२,११७, ११८, १३१,१६६,१७०, १७१,२०२११,२३४,२४० २ २४२,२४७, २४८, २५०, २६७५।३२,३५७ १७८ यू २१६०३. १८११
रम्म ( रम्य ) ज २२१०, १२; ३३८१; ४।२०२११ उ ३४९;५१६
रम्मग ( रम्यक) ज ४।१०२,२०२ रम्गकूड ( रम्यककूट) ज ४/२६३|१,२६६११ रम्भगवास (रम्पकवर्ष ) प १३८७,१६३०
[ज] ४४१०२,१६२,२६६ से २६८,६६,११ रम्य ( रम्बक ) प १७११६४ ज ४।२०२११,२६५ से २६७
रम्यास ( रम्यकवर्ष) २२६
(ज) २।२२३६५१७
/ रय (रचय) रएइ उ १११३७,३१५१ रति ज २१६ गृह ज २६५ २ ३।११४ रण (रत्न ) प १।१।२; ११३,४८,२१३०,३१,४१, ४८ ११।२५ १५०५५/२, २०११११ व २२६४, ६६; ३६,१२,१८,२४,३०,३१,३२/१,३५,
५६,६४,७६,७७,८१,११७.१२५ से १२८,
१३८, १४५,१५१,१५२.१६७११.५,१२,१४: ३१६८१७५ १७८१८०,१५४, १६२,२११. २२१,२२२,४८४६, १३७ ५१५, ७,१३,१६, ३८५५७१७८ १८८ २०७१।१११.
Jain Education International
११२,१२३,१३१
रयणकरंड ( रत्नकरण्ड ) ज ३१११
श्यक)
५१५५ ३०१२८ कुविधारिय ( रत्नकुक्षिश्राविका ) ज ५१५, ४६ रणचित (चित्र) व ३१५६,१४५ यत्पा (भा) ११५३२१२०,२१, ३० से ४०, ४१ से ४३,४५, ५०, ५१,६३; २११२१४६० से ९६।१०,४५,४१,७२, ८१,१०११०११ से ३,२८,३०६१६१२६ २०१, २, ३८.२६.४१, ५०, ५.६, २११५२,५१, ६६ ३० २५ से २०३३०३,१६ २०१३ ०३:१०११ रयणप्यभविणे (पृथिवीनरक)
रम-रयणी
१ २०१५०.५१ रयणडेय (वतंस ) प २५६
रण (वासा) ( रत्नवर्षा ) ज ५।५७ रयणमय (सनम ) २/३०,३१,४१ से ४३, ४६,५० से ५२.५८ से ६०,६२ १२.१०. ३१,३५,४०,४६११:२०११४.११४, २०१६, १००,१०१४१२८, ३०, ४१,४५, ५७,६२,७४, ७६, १०३, ११४.१३९,१७८.२१२.२१७, २७६ ५.१३७
रयणसं
(नया) ज ४१२०२१२ (रत्नावली ) ज ३।२११
रण
रणि (नि) १४७५ २२६४७, ८, २१।६६,६७, ७०,७१,७४ ज २।१३३ रण (नि) १६१४६६१ रविकर (रनिकर) ३।१०९ मू १९२२११२.
१३
त) न ७२७,३० पियर (जनिकर) ज ३।११७
For Private & Personal Use Only
१७५
(नि) ४११०
रणियर ( रजनिकर) ज २११५;३।११७ री (रनि २६, १२५,१३३,१४८
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414