Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Puffiyao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 360
________________ विमाणकारि विव विणकर (विमानकारिन् ) ज ५४८ से ५०, ५३ विरल्लिय ( तत' ) प १५/५१ विमाणवास ( विमानवास ) ज ३।११७ विमाणावलिया ( विधानावलिका ) प २११, ४, १०, १३ विमाणात (विवनाम ) प २४८ से ६३ ज ५ १५, १६, २४,४८ विमाणववण्णग ( विमानोपपन्नक) सू १६१२३, २६ विमुक्क (विमुक्त ) प ६४ १०,१६,२२:३६ ६४।१ विमोक्षण (विमोक्षण ) ज २२७१ विट्टछउम ( विवृत्तछद्मन्) ज ५१२१ aिrs ( विकट ) प २० से २३ ज २९१५ चं १।३ सू २०१८,२०१८ विडजोणिय (कटयोनिक) प ६२५ fastas ( विकटान्)ि ज ४७७,८४,२६६ विडावति (टापातिन् ) । १६।३० वियस्थि ( वितस्ति ) प १।७५ वित्तिय ( वितस्तिपृथक्त्वक) १२७५ / वियर (वि: 1 ) वियरह ज ३११६८ वियरम (दे० ) ज ५|१३ वियरय (विचरित) ज २१२ विल ( विकल ) प २४१७ विवसंत ( विकारात् ) प २०४९ विर्याय (क) १२३१,४८ ज ३६; ४१४६ ५८२१ विषाण(क) विराणाहि ५ १२४८१३८,३६ वियत (वित्) १२२६४।१७ विणय (वि) ज ३।३२,७७,१०२ विषिता (शि) उ५३७ वियाणिय ( विज्ञत) ज ३१५७ विद्यालय (निकाल) ज ११८६१ सू २०१८१ विरइय (विरचित) ज ३४३,६,२२२ / विरज्ज (वि) विरज्जति सू १३।१ विरत (परत) २६ १० विरति (पिरति ) २०४१ विरत ( ) विरय (ज) १३।१,२०१३ रेगन, २०१७ विरयाविरति (विरताविरति ) प २०१४२ Jain Education International १०४७ √ विश्व (वि + रचय् ) विवेइ उ १।४६ विरवेत्ता ( विरव्य ) उ ११४६ विरसमेह ( विरसमेघ) ज २ १३१ विरह (विरह) उ ११६५,६६,१०५ विरहित (विरहित ) प ६।५ से ७,४३ विरहिय ( विरहित ) प ६।१ से ४,८ से २३,२७, ४४,४५ ज २१४०; ७१५७,६० सू १०७७ विराइय ( विराजित ) प २।३०,३१,४१,४६ १६२५ ज २।१५; ३।११७७ १७८ विराग (विराग ) सू १३।२ विरायंत ( विराजमान, विराजत् ) ज ३२६ : ५१२१ विराल ( विडाल ) प ११:२१ विराली ( विडाली ) प ११।२३ √ विराय (वि + रावय् ) विरावेहिति ज २।१३१ विराहणी (विराधनी ) प ११।३ विराय ( विराधक ) प ११८६ विराहिय ( विराधित) उ३।१४,२१,८३ विराहियसंजम (विराधितसंगम ) प २०१६१ विराहियसंजमा संजम ( विराधितसंयमासंयम ) प २०१६१ विरिच (वि + भज्) विश्चिइ उ ११६४ विरिचित्ता ( विभज ) उ ११६६,९४ विरिय (वीर्य) प २३३१९, २० ज ३३१०७, ११४ विशेषण (विरेचन) उ ३११०१ विलंब ( विलम्ब) प २४०१६ विलवाण ( विलपत् ) उ ११६२,३११३० विलास (विलास ) ज २।१५,३।१३८ सू २०७ विलिय ( व्रीडित ) ज २१६० उ ११५८,८३ विलिहिज्ज माण (विलिख्यमान ) प २३५० ज ५।१८ विलेवण ( विलेपन) ज ३१६,२०,३३,५४,६३,७१, ८४, १३७, १४३, १६७,१८२,२२२ बिन (इ) ११३८, ६८ उ ११२३३११२८ १. हे० ४।१३७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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